भोपाल। प्रदेश में कोरोना पर भारी बजट खर्च हो रहा है। ऐसे में अब जनप्रतिनिधियों के वेतन एवं निधि का हिस्सा कोरेाना खर्च के लिए देने की मांग उठ रही है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि वे वेतन का 30 फीसदी हिस्सा कोरोना खर्च के लिए देंगे। हालंाकि पूर्व में विधायक एवं संासद अपनी निधि का बड़ा हिस्सा कोरोना खर्च के लिए देने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन किसी विधायक एवं सांसद ने अभी तक अपना वेतन नहीं किया है। जबकि एक-दो विधायकों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के 98 फीसदी विधायक करोड़पति है। जिनकी ख्ुाद के संसाधनों से अच्छी खासी आमदनी होती है। इसी तरह प्रदेश के सभी संासद करोड़ों की आसामी है। सांसद एवं विधायक निधि को क्षेत्र के विकास कार्यों पर खर्च किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर मार्च में भी सांसद फिर विधायकों ने निधि कोरोना खर्च के लिए दी थी। अब फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए कहा है। सांसद पीएम फंड एवं विधायम सीएम फंड में निधि देते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने वेतन की 30 फीसदी राशि सीएम रिलीफ फंड में देने की घोषणा की। पहली तिमाही के एक लाख 40 हजार रु. जमा भी किए। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों से भी कहा कि वे भी वेतन का 30 फीसदी रिलीफ फंड में दें। कोविड नियत्रंण में राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा व्यय हुआ है।
माइनिंग फंड से खरीदी जाएगी सामग्री
प्रदेश के 22 जिलों में माइनिंग से एकत्रित होने वाले 500 करोड़ के फंड की 30 फीसदी राशि अब कोविड संक्रमण के नियंत्रण में खर्च की जाएगी। इसके साथ ही विधायक निधि की राशि का उपयोग आवश्यक उपकरण, फेस मास्क, थर्मामीटर, पीपीई किट्स, टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर और सैनिटाइजर की खरीदी के लिए किया जाएगा।
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