चंपू अजमेरा का आज होगा मेडिकल, जांच के भी आदेश
इंदौर। जिला जेल में कैदियों से अवैध वसूली का मुद्दा गरमा गया है। जेल मुख्यालय से कराई गई प्रारंभिक जांच में सहायक जेलर मनोज चौरसिया सहित 3 अन्य कर्मचारी कथित रूप से दोषी पाए गए हैं। इन चारों को तत्काल प्रभाव से जिला जेल से हटा दिया गया है। इसके अलावा दो कैदियों को भी जिला जेल से हटाया गया है, जो कथित वसूली में सहयोग देते थे। आरोप है कि वसूली को लेकर कैदी चम्पू अजमेरा को तीन दिन पहले जमकर पीटा गया था। जेल मुख्यालय ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय जेल अधीक्षक राकेश भांगरे को सौंपी है। चम्पू अजमेरा का मेडिकल कराने के भी आदेश दिए गए हैं।
इंदौर जिला जेल में लंबे समय से कैदियों से वसूली का खेल चल रहा था। इंदौर के कथित भूमाफिया चम्पू अजमेरा से 10 लाख रुपए की मांग की गई थी। पैसे न देने पर सहायक जेलर मनोज चौरसिया ने 30 जुलाई को दो प्रहरियों और दो कैदियों के सहयोग से चम्पू अजमेरा की बेरहमी से पिटाई की थी। इसकी शिकायत पर जेल मुख्यालय ने घटना के लिए दोषी चौरसिया को जिला जेल से हटाकर असरावद खुर्द स्थित जेल विभाग के क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया है। जबकि जिला जेल में पदस्थ मुख्य प्रहरी दिलीप गोयल, नानूराम सोनी, मेल नर्स योगेश पटोने को सेंट्रल जेल में अटैच किया गया है। चौरसिया के खास गुर्गे बंदी रवि पिता अमरसिंह, धर्मेंद्र पिता राकेश सिंह, चौक राइटर थे, जिन्हें हटा दिया गया है। जेल सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने यहां से बाबूलाल गोहिया, मेल नर्स प्रहरी सुभाष जैन, हेड साहब दीपक तिवारी को जिला जेल अटैच किया है। जेल महानिदेशक संजय चौधरी ने मारपीट और वसूली के मामले में जांच के साथ ही चम्पू अजमेरा का तत्काल मेडिकल कराने का निर्देश भी दिया है। गौरतलब है कि जेल में चंपू अजमेरा के अलावा अन्य बंदियों से भी चौरसिया लगातार अपने गुर्गों के माध्यम से वसूली कराते आ रहा था। यही नहीं राशि नहीं देने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें बिस्तर सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं दी जा रही थी।
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