भोपाल। प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश में उद्योग और खनिज को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। उद्योगों को आकर्षित करने एवं निवेश के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का दिखावा नहीं होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए प्रदेश में ‘रियल इज ऑफ डूइंग बिजनेसÓ हो जिससे निवेशक यहां बिना किसी परेशानी के अपने उद्योग स्थापित कर सकें, सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी।
चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत अब कमर्शियल माइनिंग का प्रावधान किया गया है, जो कि उद्योग एवं व्यवसाय के लिए अत्यंत उपयोगी होगा। मध्यप्रदेश में कोयले के साथ ही बॉक्साइट भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। कोयला खदानों के साथ बॉक्साइट की संयुक्त नीलामी उद्योगों को बढ़ावा देने में अत्यंत सहायक होगी। हम अपनी खनिज संपदा के दोहन में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गत वर्षो में यह कार्य धीमा रहा है, परंतु भविष्य में तेजी लाई जाएगी। इससे शासन को राजस्व तो प्राप्त होगा ही, रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे। संबंधित विभाग इसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाकर समयबद्ध तरीके से कार्य करें।
प्रदेश की 11 कोयला खदानों की नीलामी की सूचना जारी
कोयला क्षेत्र में सुधार की नीति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा अब कमर्शियल माइनिंग का प्रावधान किया गया है। इससे अब कोई भी पार्टी कोल ब्लॉक के लिए बोली लगा सकेगी तथा कोयला खुले मार्केट में विक्रय किया जा सकेगा। प्रतियोगिता बढऩे से बंद पड़ी खदानें चालू होंगी, नई खदानें शुरू होंगी तथा कोयले के दाम कम होने से पावर, एल्युमिनियम एवं स्टील सेक्टर को लाभ होगा। भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई कोल खदानों की नीलामी सूचना में देश की 41 कोयला खदानों को शामिल किया गया है जिनमें प्रदेश की 11 कोयला खदानें सम्मिलित की गई है। इसकी ड्यू डेट 18 अगस्त रखी गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि समय अवधि में सारी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए।
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