वाशिंगटन । अमेरिका ने मिसाइल कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाली 22 विशिष्ट सामग्रियों को सुरक्षित करते हुए ईरान पर धातुओं से संबंधित प्रतिबंधों के दायरे का विस्तार किया है।
अमेरिका का विदेश मंत्री माईक पोम्पियों ने जारी एक बयान में कहा,“ आज विदेश विभाग ने ईरान के परमाणु, सैन्य और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के संबंध में इस्तेमाल की जाने वाली 22 विशिष्ट सामग्रियों की पहचान कर रहा है। जो लोग जानबूझकर ईरान को ऐसी सामग्री हस्तांतरित करते हैं, वे अब ईरान स्वतंत्रता एवं प्रसार रोधी अधिनियम 1245 के दायरे में आयेगे।”
बतादें कि साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र ने ईरान को आठ वर्षों तक के लिए ऐसी बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने से दूर रहने को कहा था जो न्यूक्लियर वेपन ले जा सके. इस प्रस्ताव में दुनिया की 6 महाशक्तियां शामिल थीं. अब माइक पोम्पियो का कहना है कि उस प्रस्ताव में शामिल सभी देशों को यूनाइटेड नेशंस में सवाल उठाना चाहिए. उन्होंने पूछा कि क्या ये उस प्रस्ताव का उल्लंघन नहीं है? ईरान को अपने किए की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.
गौरतलब है कि साल 2016 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से ईरान पर लगाए गए ज्यादातर प्रतिबंधों को हटा लिया गया था. तब ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर नजर रखने वाले पर्यवेक्षकों का कहना था कि ईरान ने वादा निभाया है. यह बात पांचों महाशक्तियों ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, रूस और अमेरिका को बताई गई थी. इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ईरान पर सैन्य सैटेलाइट लॉन्च करने को लेकर गुस्सा और चिंता जाहिर की है. साथ उन्होंने यह भी कहा है कि ईरान का ये कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन भी है. दरअसल ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा था कि उसने देश का पहला सैन्य सैटेलाइट लॉन्च करने में सफलता उसी वक्त हासिल कर ली थी जब अमेरिका के साथ विवाद चल रहा था.
गौरतलब कि कुछ महीने पहले अमेरिका और ईरान के बीच काफी ज्यादा बढ़ गया था. तब अमेरिका ने ईरान के सीनियर मिलिट्री लीडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था. इसके बाद दोनों देशों के तल्खी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि ईरान ने गुस्से में एक यात्री विमान पर हमला कर दिया था. हालांकि पहलेपहल ईरान ने इसकी स्वीकारोक्ति नहीं की थी. बाद में अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद ईरान ने गलती मानी थी.
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