नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के संबंध में भारतीय पक्ष का समर्थन करते हुए कहा कि चीन के साथ लगती सीमा की यथास्थिति में एकतरफा तरीके से कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ऑ फैरल ने भारत-चीन सीमा और भारत-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की। बाद में उच्चायोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ऑस्ट्रेलिया वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव की कोशिश का विरोध करता है। ऐसे बदलाव से तनाव और अस्थिरता पैदा होने का खतरा है। ऑस्ट्रेलिया चाहता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संयम बरता जाए तथा तनाव कम करने की प्रक्रिया जारी रखी जाए। ऑस्ट्रेलिया ने सलाह दी है कि हालात बिगड़ने से रोकने के लिए जरूरी है कि द्विपक्षीय स्तर पर तय किए गए नियमों और सहमति का पालन किया जाए, जैसा की विगत दशकों में होता रहा है।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत- प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन के जल सीमा संबंधी दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस रवैये से तनाव बड़ने और अस्थिरता पैदा होने का खतरा है। ऑस्ट्रेलिया ने चीन के दावों के बारे में पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासचिव को अपनी प्रतिक्रिया भेजी थी। इसमें ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि चीन के जल सीमा संबंधी दावे तथ्यों पर आधारित नहीं है तथा यह अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों के खिलाफ हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इस क्षेत्र में संवतंत्र और मुक्त नौवहन और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किए जाने पर जोर दिया।ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि इस समय वह कोरोना महामारी की चुनौती का सामना करने पर मुख्य रूप से ध्यान दे रहा है लेकिन वह इस क्षेत्र में हो रहे रणनतिक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।
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