जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस से बगावत कर अपना डिप्टी सीएम पद एवं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद गंवाने वाले सचिन पायलट के बीच शुरू हुआ सियासी झगड़ा अब सड़क से होकर अदालत तक पहुंच गया है । मुख्यमंत्री गहलोत एवं बर्खास्त डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मचे सियासी घमासान के बीच बसपा ने भी सत्ताधारी कांग्रेस को राजस्थान में अब बड़ी टेंशन दे दी है। बसपा को भी अब कांग्रेस पर पलटवार करने का पूरी तरह से मौका मिल गया है। सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों से परेशान कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए बसपा ने भी कोर्ट की शरण ले ली है। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। बसपा महासचिव मिश्रा ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए राजस्थान में बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के विरोध में याचिका दायर की थी, जिस पर आज जीरह जारी है। सूत्रों ने बताया है कि हाई कोर्ट में याचिका पर जिरह के दौरान बहुजन समाज पार्टी के वकील ने दलील देते हुए कहा है कि बसपा राष्ट्रीय पार्टी है उस लिहाज से राज्य स्तर पर बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय करना पूरी तरह असंवैधानिक एवं गलत है । सतीश चंद्र मिश्रा के वकील ने माननीय जजों के सामने दलील दी है कि राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी कांग्रेश में बसपा विधायकों के मामले को जानबूझकर लंबा खींचने में लगे हैं जो कि सरासर गलत है। गौरतलब है कि संकट के भंवर में फंसी गहलोत सरकार ने काफी पहले समर्थन देने के बावजूद राजस्थान में बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में विलय करा कर मायावती को तगड़ा झटका दिया था, जिससे मायावती बौखलाई हुई हैं।
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