जयपुर। राजस्थान के राजनीतिक संकट को लेकर हर रोज नया घटनाक्रम सामने आ रहा है। सीएम अशोक गहलोत और गवर्नर कलराज मिश्र के बीच विधानसभा सत्र की तारीख को लेकर चले लंबे विवाद के बाद मुख्यमंत्री की ओर से अब सत्र के लिए नई तारीख 14 अगस्त का प्रस्ताव दिया गया है। मुख्यमंत्री गहलोत के कई अनुरोधों के बाद राजस्थान के राज्यपाल ने 14 अगस्त से विधानसभा सत्र को मंजूरी दे दी है। इस बीच, हरियाणा में डेरा डाले सचिन पायलट खेमे के विधायकों ने कहा है कि वे विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे।
गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अख्तियार किए सचिन पायलट और उनके सहयोगी 18 विधायकों ने कथित तौर पर पहली बार जयपुर लौटने के लिए सुरक्षा की मांग की है। विद्रोही विधायकों में से एक ने कहा-बेशक, हम इसमें भाग लेंगे। हालांकि इन विधायकों के राजधानी जयपुर लौटने की कोई तारीख तय नहीं की गई है। इससे पहले, सीएम और गवर्नर के बीच विधानसभा सत्र की तारीख को लेकर चले गतिरोध के बाद आखिरकाकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार को आखिरकार 14 अगस्त को सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की ओर से बुधवार की देर शाम इस बारे में मंजूरी दे दी गई। सीएम गहलोत सत्र बुलाने की अपनी मांग के साथ पिछले दो हफ्तों के दौरान गवर्नर से चार बार मुलाकात कर चुके थे, वहीं उनकी कैबिनेट की ओर से सत्र को लेकर तीन प्रस्ताव भी भेजे गए, जिन्हें गवर्नर ने वापस लौटा दिया था।
आखिरकार बुधवार को सरकार की ओर से भेजे गए चौथे प्रस्ताव पर हामी भरी गई। राज्यपाल ने गहलोत सरकार को सत्र के दौरान कोविड-19 गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने को लेकर मौखिक निर्देश भी दिए हैं। बता दें कि गवर्नर सदन बुलाने से पहले गहलोत से 21 दिनों का नोटिस देने की मांग कर रहे थे। उनका सवाल था कि ‘क्या गहलोत सदन में विश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं? अगर ऐसा होता है तो तुरंत सत्र बुलाया जा सकता है लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें 21 दिनों का नोटिस देना होगा। इसके बाद गहलोत सरकार ने पहले प्रस्ताव से 21 दिन गिनकर 14 अगस्त से सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा, जिसे स्वीकार कर लिया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved