जेलर मांग रहे थे 10 लाख, न देने पर कर रहे थे मारपीट
इंदौर। इंदौर जिला जेल में भूमाफिया रीतेश उर्फ चंपू अजमेरा से 10 लाख रूपए मांगने और रिश्वत न मिलने पर उसके साथ मारपीट करने वाले जेल के चक्कर अधिकारी मनोज चौरसिया को जबरन छुट्टी भेज दिया गया है। इस घटना की जांच के आदेश भी दिए गये हैं। चंपू के छोटे भाई ने पत्र लिखकर जेल मंत्री और जेल डीजीपी से शिकायत की है।
चंपू अजमेरा को नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। उसे 20 जुलाई को ही इंदौर की जिला जेल भेजा गया था। बुधवार को जेलर (चक्कर अधिकारी) मनोज चौरसिया चंपू के पास पहुंचे और तलाशी के नाम पर सबके बीच में चप्पलों से उसकी जमकर पिटाई की। चौरसिया ने आरोप लगाया कि चंपू पर नमकीन व शैम्पू आदि मिला था। जबकि जेल अधीक्षक ठाकुर का कहना है कि चंपू के पास लेकिन दवाइयां मिली थीं, जो जेल प्रशासन की अनुमति से अंदर गईं थीं। सवाल यह है कि 20 जुलाई को जेल में प्रवेश के समय चंपू को निर्वस्त्र कर तलाशी की गई तो उसके पास सामान कैसे पहुंच सकता है।
यह मामला शाम होते होते भोपाल पहुंच गया। चंपू के भाई धर्मेश अजमेरा ने जेल मंत्री और जेल डीजीपी को आवेदन देकर आरोप लगाया कि मनोज चौरसिया पहले दिन से 10 लाख रूपये अथवा एक प्लाट देने की मांग कर रहा था। उन्होंने जेल में चंपू की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा देने की गुहार लगाई। देर रात जेल डीजीपी संजय चौधरी ने सख्त ऐक्शन लेते हुए मनोज चौरसिया को प्राथमिक रूप से दोषी मानते हुए उन्हें फोर्स लीव (जबरन अवकाश) पर भेजते हुए इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं। मनोज चौरसिया पहले भी विवादों में रह चुके हैं। महू जेल में रहने के दौरान भी उन पर गंभीर आरोप लगे थे।
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