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    सीसीटीवी फुटेज में पुलिस से अभद्रता करते नजर आए पुजारी प्रतिनिधि

  • July 29, 2020

    उज्जैन। सोमवार को महाकाल की चौथी सवारी के दौरान सभामंडप में पूजा के बाद पालकी बाहर निकालते वक्त मंदिर के एक पुजारी और उनके प्रतिनिधि पुत्र ने अंदर घुसने का प्रयास किया था जिसे वहाँ तैनात पुलिस और प्रशासन के लोगों ने रोका था। इस मामले के सीसीटीवी फुटेज मंदिर समिति ने खंगाले जिसमें पुजारी और प्रतिनिधि पुत्र की ओर से विवाद की पहल का खुलासा हुआ। इसके बाद दोनों को प्रशासक ने आगामी आदेश तक निलंबित कर दिया।

    उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण अनलॉक शुरु होने के बाद 8 जून से महाकाल मंदिर में आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था शुरु हुई थी, तभी से संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने सरकार की गाईड लाईन के मुताबिक मंदिर में नियमित दर्शन से लेकर विभिन्न पर्वों और यहाँ तक कि सावन भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी तक की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर रखी हैं। इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है जब भगवान महाकाल की शुरुआती 4 सवारी परंपरागत मार्ग को छोडक़र परिवर्तित वैकल्पिक मार्ग से निकाली जा रही है। इसके पीछे वजह यह है कि सवारी में भीड़ न हो और संक्रमण न फैले। इसमें भी आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ-साथ मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने स्पष्ट व्यवस्था बनाई है कि सभामंडप में जब सवारी से पहले भगवान महाकाल का पालकी पूजन होता है उस दौरान भी सिर्फ निर्धारित पुजारी और उनके प्रतिनिधि तथा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ही सभामंडप के निर्धारित घेरे में उपस्थित रह सकते हैं। दो दिन पहले सावन के चौथे सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी मंदिर प्रांगण से बाहर आने से पहले सभामंडप में तीन बजे से पालकी पूजन शुरु हो गया था जिसमें तय पुजारियों और अधिकारियों को शामिल किया गया था। पूजन जैसे ही पूर्ण हुआ था और पालकी उठने वाली थी उसी दौरान पुजारी विजय प्रेमनारायण शर्मा के पुत्र और प्रतिनिधि अर्पित (गोपाल) शर्मा द्वारा अनाधिकृत रूप से आयुष शर्मा नामक व्यक्ति को सभामंडप में प्रवेश कराने का प्रयास किया गया था जिसका नाम अधिकृत सूची में नहीं था। तभी वहाँ तैनात पुलिस के सुरक्षाकर्मी और प्रशासन के अधिकारियों ने रोकने का प्रयास किया था और पुजारी प्रतिनिधि ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से विवाद शुरु कर दिया था और अभद्रता भी की थी। मंदिर प्रशासक सौजानसिंह रावत के मुताबिक इस पूरे मामले का सीसीटीवी फुटेज देखा गया जिसमें पाया गया कि पुजारी प्रतिनिधि द्वारा ही विवाद की शुरुआत की गई और अनाधिकृत व्यक्ति को सभामंडप में प्रवेश कराना पाया गया। पुजारी प्रतिनिधि के इस कृत्य से मीडिया और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने मंदिर समिति की छवि भी धूमिल हुई है। इसी के चलते महाकालेश्वर मंदिर एक्ट 1982 की धारा 18(2) के आधार पर पुजारी विजय प्रेमनारायण शर्मा और उनके प्रतिनिधि पुत्र अर्पित (गोपाल) शर्मा को आगामी आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। साथ ही फुटेज में नजर आ रहे आयुष शर्मा के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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