भोपाल। राफेल लड़ाकू विमान आखिरकार भारत पहुंच ही रहा है। लोकसभा चुनाव 2019 में ये सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से इस विमान की डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था और पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा गया था। अब जब राफेल आ रहा है तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए हैं। दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर इस डील पर सवाल उठाते हुए राफेल विमान की कीमत पूछी है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि आखिर राफेल प्लेन आ गया। 126 राफेल खरीदने का फैसला 2012 में UPA ने किया था, जिसमें से 18 राफेल छोड़कर अन्य सभी को HAL द्वारा भारत में बनाया जाना था। ये भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था, एक राफेल की कीमत 746 करोड़ रुपये तय की गई थी। दिग्विजय सिंह ने लिखा कि मोदी सरकार के आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदीजी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक मार कर निजी कंपनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफेल खरीदने के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय ले लिया।
राष्ट्रीय सुऱक्षा का आँकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने १२६ राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने १२६ के बजाय ३६ राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
दिग्विजय सिंह ने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का आंकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल खरीदने की सिफारिश की थी, जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल खरीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
एक राफ़ेल की क़ीमत कॉंग्रेस सरकार ने ₹७४६ तय की थी लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मॉंग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
कांग्रेस नेता ने लिखा कि एक राफेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने ₹746 करोड़ तय की थी, लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जाएगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!
कांग्रेस की ओर से सवाल पूछा गया कि यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर मागते हैं तो मोदीजी की ट्रोल आर्मी हमें राष्ट्रद्रोही बताते हैं!! क्या प्रजातंत्रीय व्यवस्था में विपक्ष को प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं है?
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