25 जुलाई। कोविड-19 टेस्ट के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयासरत हैं। इस कड़ी में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्मार्टवॉच की मदद से कोरोना वायरस के लक्षण दिखने से पहले ही उसका पता लगाया जा सकता है।
इसके लिए फिटबिट (एक स्मार्टवॉच) पहनने वाले करीब एक हजार लोगों पर अध्ययन किया जा रहा है, ताकि स्मार्टवॉच से कोरोना का सटीक तरीके से पता लगाया जा सके।
दरअसल, लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों का मानना है कि हृदयगति, शारीरिक गतिविधियों और सोने के तरीकों में बदलाव कोरोना वायरस के मामलों की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इन बदलावों को वियरेबल स्मार्टवॉच के जरिये ट्रैक करके शरीर में बुखार, खांसी आदि जैसे लक्षण उभरने से पहले ही संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने ‘मास साइंस’ नाम का एक मुफ्त एप इस्तेमाल किया है। इस एप को स्मार्टवॉच से कनेक्ट किया जाता है। इसके बाद स्मार्टवॉच के अंदर लगे अलर्ट सिस्टम से अध्ययन में शामिल हजारों लोगों के संकेतों को ट्रैक करेंगे।
कोरोना का ऐसे पता चलेगा-
वायरस के लक्षण उभरने में कई दिन लगते हैं, ऐसे में स्मार्टवॉच के जरिये सुझाए गए शरीर में बदलाव के सबूत, समय से पहले ही संक्रमण को पहचानने में मदद करेंगे। स्मार्टवॉच पहनने वाले कोविड-19 रोगियों ने खांसी, बुखार या स्वाद-गंध खत्म होने आदि लक्षण दिखने से कुछ दिन पहले अपने स्वास्थ्य संकेतों में छोटे-छोटे बदलाव देखे गए। वैज्ञानिकों का कहना है कि लक्षण शुरू होने से पहले ही कोविड-19 मामलों का पता करने वाला यह टूल बड़े बदलाव वाला साबित हो सकता है।
बड़े बदलाव की उम्मीद-
इस अध्ययन को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च द्वारा फंड मुहैया कराया गया है। अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता डॉ. अमोस फोलारिन का कहना है कि संक्रमण का यह सस्ता और डिजिटल टेस्ट बड़े बदलाव वाला साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का विश्वास है कि इस अध्ययन के जरिए वे धीरे-धीरे डाटा का अध्ययन करके ऐसा टूल बनाने में कामयाब होंगे जिससे कोरोना संक्रमण का काफी पहले सटीक पता चल जाएगा।
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