भोपाल। राजधानी में जहां एक ओर कोरेाना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वहीं प्रशासनिक लापरवाही भी लगातार सामने आ रही है। जिसके चलते कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कुछ अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की है। लेकिन जिला प्रशासन ने 1100 क्वोर्टर डिस्पेंसरी पर बरती गई लापरवाही पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने डिस्पेंसरी को जांच एवं उपचार केंद्र (फीवर क्लीनिक)की श्रेणी में शामिल किया है। लेकिन डिस्पेंसरी के बाहर जो सूचना चस्पा की गई है, उसमें डिस्पेंसरी का नाम ही गायब कर दिया है। सीएमओएच को निरीक्षण के दौरान डिस्पेंसरी से डॉक्टर गायब मिलीं, इसके बावजूद भी किसी कोई एक्शन नहीं लिया गया। श्
राजधानी में 1100 क्वार्टर डिस्पेंसरी पर कागजों में कोरोना मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं। डिस्पेंसरी प्रभारी ने एक सूची चस्पा की है, जिसमें कोरोना संैपल संग्रहण केंंद्रों की सूची से 1100 क्वार्टर डिस्पेंसरी का नाम काटकर नमूना केंद्र की सूची चस्पा की है। जबकि भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने राजधानी में आठ जांच एवं उपचार केंद्रों की सूची जारी की है। जिसमें 1100 क्वार्टर डिस्पेंसरी का भी नाम है। सरकारी रिकॉर्ड में डिस्पेंसरी पर कोरोना के नमूने लिए जाने वाले केंद्रों की सूची में शामिल है। इतना ही नहीं 14 जुलाई को सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने जब डिस्पेंसरी का निरीक्षण किया तब वहां हर तरह की लापरवाही सामने आई। सीएमएचओ ने रजिस्टर में इस केंद्र को खराब केंद्रों की श्रेणी में बताया। साथ ही कोरोना सैंपल एवं जांच शुरू करने का भी उल्लेख किया। अभी 1100 क्वार्टर डिस्पेंसरी पर कोरोना सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। इस संबंध में डिस्पेंसरी की डॉक्टर जूड़ी तिवारी, सीएमएचओ डॉ ्रप्रभारी तिवारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी। कलेक्टर अविनाश लवानिया से भी संपर्क नहीं हो सका।
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