आजमगढ़। दल बदलने में माहिर पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव चर्चा में बने रहने को हर महीने कोई न कोई शिगूफा खड़ा कर रहे हैं। पहले सपा ज्वाइन करते ही कोरोना को केंद्र सरकार का छलावा बताया था और फिर पलटी मार गए थे। अब खुद को चर्चा में रखने का उन्होंने नया तरीका अपनाया है। उनका यह तरीका पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव को कितना रास आएगा यह तो आने वाला समय बताएगा। फिलहाल पूर्व सांसद ने अपने नाम के आगे शूद्र शब्द जोड़ लिया है। साथ ही उन्होंने अपने समाज के लोगों से भी इसे अपने नाम के आगे जोड़ने की अपील की है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने हाथ में बंधा रक्षा सूत्र भी काट दिया। रक्षा सूत्र को गुलामी का प्रतीक बताया है।
शहर के हरबंशपुर स्थित अपने आवास पर पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया के समक्ष अपने समर्थकों के हाथों में बंधे रक्षा सूत्र को काटते हुए कहा कि यह गुलामी का प्रतीक है। इसलिए हम लोगों का रक्षा कटवा रहे हैं। हमने जितनी किताबें पढ़ी उसमें अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी हासिल की। जितने भी महापुरुष हुए सबकी बातों पर गौर किया। अध्ययन के बाद हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे और लोगों को जागरूक करेंगे। आज हमें हिंदू के नाम पर बरगलाया जा रहा है, जबकि हमें हिंदू नहीं माना जाता है। मैंने अनेक किताबें पढ़ी जिसमें समाज चार वर्णों में बांटा था, जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र चार वर्ण थे, लेकिन आज लोग खुद को शूद्र कहने में शरमाते हैं, लेकिन लोगों ने मुझे अपना अगुआ माना है तो हमने यह निर्णय लिया है कि मैं अपने नाम के आगे शूद्र जोड़ूंगा।
रामाकांत यादव ने आगे कहा कि यहां उपस्थित सभी लोग समाज हित में अपने नाम के आगे शूद्र जोड़ने का काम करेंगे। मैंने पहले ही अपने लोगों से कहा है कि वह उस मंदिर में न जाएं जहां ज्ञान नहीं मिलता है और हमारे लोग ठगे जाते हैं। हमारे लोग ज्ञान के मंदिर में जाएं जिससे हमारे समाज का विकास हो। इस दौरान पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने गुलामी का प्रतीक बताते हुए लोगों के हाथों से रक्षा सूत्र काटा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved