भोपाल। सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों की रक्षाबंधन पर बहनों से जेल में मुलाकात की व्यवस्था इस बार नहीं होगी। जेल प्रशासन का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते यह निर्णय लिया गया है। इस साल बंदियों की कलाई सूनी रहेगी। कोरोना संक्रमण के कारण जेल में बंदियों से मुलाकात पर पहले से प्रतिबंध लगा हुआ है। बंदियों की परिजनों से बात कराने के लिए टेलीफोन सुविधा जेल प्रशासन ने उपलब्ध करा रखी है। रक्षाबंधन पर पिछले वर्ष की तरह इस साल भी बहनों से खुली मुलाकात नहीं कराई जाएगी। क्योंकि मुलाकात के दौरान किसी भी हालत में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कराना और संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर पाना असंभव है।
जेलों से आती थीं बहनें रक्षासूत्र बांधने
प्रदेश की जेलों में दूसरे राज्यों के बंदी भी हैं। 10 प्रतिशत से अधिक बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इन बंदियों को रक्षाबंधन, दीपावली व होली की भाइदूज पर परिवार की महिलाओं से आमने-सामने बैठकर मुलाकात करने का इंतजार रहता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस साल बंदियों की उम्मीद टूट गई हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण से पहले ही जेल प्रशासन पहले ही त्योहरों पर खुली मुलाकात कराने की व्यवस्था बंद करने का निर्णय कर चुका है।
दो माह की पैरोल पर बढ़ाई
पैरोल खत्म होने पर बंदी रविवार को जेल पहुंचे, लेकिन जेल प्रशासन ने उनकी आमद दर्ज कर फिर दो महीने की पैरोल पर भेज दिया है। एक दिन पहले अधिसूचना जारी हुई थी कि जो बंदी पैरोल पर हैं उनकी दो माह की पैरोल बढ़ाई जाए।
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