नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बीहड़ को कृषि योग्य बनाने के लिए विश्व बैंक की मदद से एक बड़ी परियोजना बनाते हुए व्यापक काम किया जाएगा। इस संबंध में तोमर की पहल पर शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में तोमर के अलावा विश्व बैंक व मध्य प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी एवं कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए।
तोमर ने कहा कि इस परियोजना से बीहड़ क्षेत्र में खेती-किसानी तथा पर्यावरण में अत्यधिक सुधार होगा। साथ ही रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे। परियोजना पर सभी ने सैद्धांतिक सहमति जताई तथा प्रारंभिक रिपोर्ट महीने भर में बनाना भी तय हुआ है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री तोमर ने प्रस्तावित परियोजना के माध्यम से बीहड़ क्षेत्र में कृषि का विस्तार करने, उत्पादकता बढ़ाने तथा वैल्यू चैन विकसित करने पर जोर दिया।
तोमर ने बताया कि चंबल क्षेत्र के लिए पूर्व में विश्व बैंक के सहयोग से बीहड़ विकास परियोजना प्रस्तावित थी पर विभिन्न कारणों से विश्व बैंक उस पर राजी नहीं हुआ। अब नए सिरे से इसकी शुरुआत की गई है, ताकि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के समग्र विकास का सपना हकीकत का रूप ले सके। परियोजना के माध्यम से बीहड़ को कृषि योग्य बनाने का उद्देश्य तो है ही, कृषि का विस्तार होने के साथ उत्पादकता भी बढ़ेगी। कृषि बाजारों, गोदामों व कोल्ड स्टोरेज का विकास परियोजना के अंतर्गत करने का विचार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीहड़ की 3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन खेती योग्य नहीं है। प्रोजेक्ट के माध्यम से क्षेत्र में सुधार हो जाए तो वहां खेती प्रारंभ होगी तथा पर्यावरण की दृष्टि से भी यह ठीक होगा, आजीविका भी मिलेगी। तोमर ने कहा कि क्षेत्र में नदी किनारे बहुत जमीन है, जहां कभी खेती नहीं हुई तो यह क्षेत्र जैविक रकबे में जुड़ेगा जो बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने बताया कि जो चंबल एक्सप्रेस बनेगा, यहीं से गुजरेगा। इस तरह क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा। प्रारंभिक रिपोर्ट बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी बैठक की जाएगी और आगे की बातें तय होंगी।
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