रांची । बर्मा में फंसे झारखंड के मजदूरों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वतन वापसी की गुहार लगायी है। बर्मा में झारखंड के हजारीबाग, बोकारो व गिरिडीह जिले के प्रवासी मजदूर भी फंसे हैं जिनकी संख्या 31 है। सभी मजदूरों को 6 महीने पूर्व टावर लाइन में काम कराने के लिए बर्मा ले जाया गया था। लेकिन कोरोना काल में ये सभी वहां जाकर बुरे फंस गए हैं।
बताया जा रहा है कि मजदूरों को उनके काम के बदले मजदूरी तक नहीं दी जा रही है। कोरोना त्रासदी का शिकार प्रवासी मजदूर सिर्फ देश में ही नहीं हुए बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार की तलाश में गए विदेशों में भी फंसे पड़े हैं । विभिन्न माध्यमों सें विदेशों में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति भी बुरी है। सभी वतन वापसी की बाट जोह रहे हैं। फंसे मजदूरों की सूचना के मुताबिक सभी को मात्र एक समय का खाना दिया जा रहा है। सभी वतन वापसी की गुहार हेमंत सरकार से लगा रहे हैं।
इस संबंध में वर्मा में फंसे सत्यनारायण कुमार महतो कहते हैं कि उनके सभी साथी झारखंड लौटना चाहते हैं। दिन में सिर्फ एक वक्त भोजन दिया जा रहा है। घर में परिवार वाले परेशान हैं लेकिन उनके पास में पैसे नहीं होने के कारण वे घर नहीं लौट पा रहे हैं। सरकार हमलोगों को लाने की व्यवस्था करने की कृपा करें । वहीं, गिरिडीह के समाजिक कार्यकर्ता और खासकर विदेशों में रह रहे प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सिकन्दर ने का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबके के लोग विदेशों में फंसे हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आये हैं जिसमें दलाल मजदूरों को ज्यादा रुपये कमाने का लालच देकर विदेश भेज देते हैं और वे विदेश जाकर फंस जाते हैं।
उन्होंने बताया कि आये दिन गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो जिले के आसपास के प्रखंडों के प्रवासी मजदूरों को विदेशों में प्रताड़ित होना पड़ता है। ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। और फिलहाल बर्मा में फंसे 31 मजदूरों को वापस लाने की पहल करनी चाहिए ।
झारखंड सरकार के द्वारा संचालित कोविड-19 हेल्पलाइन टीम की शिखा कहती हैं कि राज्य सरकार के द्वारा प्रवासी मजदूरों को सकुशल लाने का कार्य किया जा रहा है। हेल्पलाइन टीम के द्वारा बर्मा में फंसे 8 प्रवासी मजदूरों का वेरिफिकेशन किया गया है। जो पलामू के हैं। उनकी राज्य वापसी के प्रयास किये जा रहे है। वहीं बर्मा में फंसे अन्य 31 प्रवासी मजदूरों की डिटेल प्राप्त कर जल्द ही उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।
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