बेंगलुरु। बांग्लादेश के हरफनमौला खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने कहा कि उन्होंने अपने कैरियर के दौरान जो गलतियां की हैं, वह अन्य खिलाड़ियों के लिए सबक है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शाकिब को भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के उल्लंघन के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। शाकिब पर पिछले साल 29 अक्टूबर को आईसीसी के भ्रष्टाचार रोधी संहिता के उल्लंघन के आरोपों को स्वीकार करने के बाद सभी तरह के क्रिकेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। वह 29 अक्टूबर, 2020 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेंगे।
पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता के साथ क्रिकेटबाजी सीरीज में बातचीत के दौरान शाकिब ने कहा, “यह अन्य खिलाड़ियों के लिए यह एक सीख है, जिससे मैं आज गुजर रहा हूं या जो मैंने गलतियां की हैं।”
शाकिब ने कहा, “आपको ईमानदार रहना होगा। आप सिर्फ लोगों से झूठ नहीं बोल सकते और विभिन्न चीजों का ढोंग कर सकते हैं। जो होना था सो हो गया। लोग गलती करने के लिए बाध्य हैं। आप 100 प्रतिशत नहीं हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप उन गलतियों से कितना सीखते हैं और कितनी अच्छी तरह वापसी करते हैं। आप अन्य लोगों से कह सकते हैं कि वे गलतियां न करें। उन्हें रास्ता बताएं ताकि वे उन रास्तों को कभी न लें।”
शाकिब ने कहा कि उन्होंने 2009 में पहली बार कप्तान बनाए जाने के बाद से कई विवादों को देखा है। उन्हें बोर्ड प्रमुख, चयनकर्ताओं और मीडिया से परेशानी थी, मुख्य रूप से चयनकर्ताओं के फैसलों और 2009 और 2010 के बीच स्थायी कप्तान नहीं बनाए जाने के बारे में। उनका मानना है कि उन अनुभवों ने उन्हें समय के साथ एक व्यक्ति के रूप में बदल दिया। शाकिब 21 साल की उम्र में बांग्लादेश की टीम के कप्तान बने थे।
उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से मैं मेरी गलतियों को कम से कम करने की कोशिश करूंगा जितना मैं कर सकता हूं, लेकिन अब मेरे दो बच्चे हैं, मैं खेल और जीवन को बेहतर ढंग से समझता हूं। इसने मुझे एक शांत व्यक्ति बना दिया है।”
उन्होंने कहा, “मैं काफी बदल गया हूं। लोग अब मुझे गलतियां करते हुए नहीं देखेंगे। मेरी दो बेटियों ने मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है।”
शाकिब के अक्टूबर में श्रीलंका के खिलाफ बांग्लादेश की प्रस्तावित टेस्ट श्रृंखला के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की संभावना है। (एजेन्सी, हि.स.)
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