चीन मुद्दे पर राहुल ने सरकार को फिर घेरा
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चीन मुद्दे पर ट्वीट कर भारत सरकार को ‘आगाह’ किया है। गौरतलब है कि चीन के मुद्दे पर राहुल बीते कई दिनों से सरकार पर हमलावर हैं। एक हफ्ते के भीतर राहुल ने चीन और भारत सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए तीन वीडियो जारी किये है। इसमें राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने के साथ ही विदेश नीति पर भी प्रश्नचिह्न खड़े किये हैं।
शुक्रवार को राहुल ने फिर चीन मसले पर सरकार को घेरा। राहुल ने कोरोना वायरस से जुड़े अपने एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि ‘मैंने उन्हें तब भी चेताया था, आज भी आगाह कर रहा हूं। वो इसे भी खारिज करने पर आमादा हैं।
राहुल ने लिखा है, ‘मैं उन्हें Covid-19 और अर्थव्यवस्था पर चेतावनी देता रहा। उन्होंने इसे खारिज कर दिया। आखिरकार आपदा आ गई। मैं उन्हें चीन पर चेतावनी देता रहता हूं। वे इसे भी खारिज कर रहे हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था, ‘प्रधानमंत्री का सौ प्रतिशत ध्यान अपनी छवि बनाने पर है। नियंत्रण में ले ली गई देश की राष्ट्रीय संस्थाएं भी इसी काम में लगी हैं। किसी भी एक व्यक्ति की छवि राष्ट्रीय दृष्टिकोण का विकल्प नहीं हो सकती।
I kept warning them on Covid19 and the economy. They rubbished it.
Disaster followed.
I keep warning them on China. They’re rubbishing it.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2020
उन्होंने कहा था, ‘सवाल यह है कि भारत को चीन से कैसे निपटना चाहिए। यदि आप उनसे निपटने के लिए मजबूत स्थिति में हैं तभी आप काम कर पाएंगे, उनसे वो हासिल कर पाएंगे, जो आपको चाहिए। यह सचमुच किया जा सकता है, लेकिन यदि उन्होंने कमजोरी पकड़ ली तो फिर गड़बड़ है। कांग्रेस नेता के मुताबिक, आप बगैर किसी स्पष्ट दृष्टिकोण के चीन से नहीं निपट सकते और मैं केवल राष्ट्रीय दृष्टिकोण की बात नहीं कर रहा मेरा मतलब अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से है। बेल्ट एंड रोड, यह धरती की प्रकृति को ही बदलने का प्रयास है।
उन्होंने कहा था, ‘भारत को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना ही होगा। भारत को अब एक ‘विचार’ बनना होगा और वह भी ‘वैश्विक विचार’ दरअसल बड़े स्तर पर सोचने से ही भारत की रक्षा की जा सकती है।
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया था, ‘जाहिर सी बात है कि सीमा विवाद भी है और हमें इसका समाधान भी करना है, लेकिन हमें अपना तरीका बदलना होगा हमें अपनी सोच बदलनी होगी इस जगह हम दोराहे पर खड़े हैं अगर हम एक तरफ जाते हैं तो हम बड़ी भूमिका में आएंगे और अगर दूसरी तरफ चले गए तो हम अप्रासंगिक हो जाएंगे।
उन्होंने दावा किया था, ‘मैं चिंतित हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि एक बड़ा अवसर गंवाया जा रहा है। हम दूर की नहीं सोच रहे, हम बड़े स्तर पर नहीं सोच रहे और क्योंकि हम अपना आंतरिक संतुलन बिगाड़ रहे हैं. हम आपस में लड़ रहे हैं. जरा राजनीति की तरफ देखिए दिनभर, सारा दिन भारतीय आपस में लड़ रहे हैं और इसका कारण है- आगे बढ़ने के लिए किसी स्पष्ट दृष्टिकोण का नहीं होना।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था , ‘मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री प्रतिद्वंदी हैं। मेरी जिम्मेदारी उनसे प्रश्न पूछने की है। मेरा दायित्व है कि मैं प्रश्न पूछूं, दबाव डालूं ताकि वो काम करें। उनकी जिम्मेदारी है कि वो दृष्टिकोण दें, जो कि नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं दावे से कहता हूं कि दृष्टिकोण नहीं है और इसलिए ही आज चीन भारत भूमि पर घुसा है।
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