भोपाल। सेवा, समरसता, स्वावलंबन, स्वदेशी के साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हमें कदम बढ़ाना है। यही देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती और आवश्यकता है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संघ की भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय बैठक के समापन अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बंगाल और बिहार जैसे जिन राज्यों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है, वहां राहत कैसे पहुंचाई जाए, इस पर गंभीरता से विचार किया जाए। संघ की इस बैठक में सरकार्यवाह भय्या जी जोशी के अलावा सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, दत्तात्रेय हौसबोले, डॉ. कृष्ण गोपाल सहित लगभग 20 वरिष्ठ प्रचारक भी शामिल हुए।
संघ की तीन दिवसीय अनौपचारिक बैठक में डॉ. भागवत ने देश में चल रहे संघ कार्यों की समीक्षा की। कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन में भी संघ ने किस तरह ऑनलाइन संपर्क निरंतर बनाए रखा, साप्ताहिक बौद्घिक का क्रम जारी रखा, प्रत्यक्ष संपर्क ना हो पाने के कारण स्वयंसेवकों से अन्य माध्यमों से संपर्क जारी रखा गया, इस पर चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि अब जहां लॉकडाउन नहीं है, उन स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन और मास्क सहित अन्य सावधानियां बरतते हुए शाखाओं को फिर से शुरू किया जा सकता है। इसका निर्णय स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों को देखते हुए लिया जा सकता है।
ऑनलाइन शाखाओं की भी होगी शुरुआत
संघ प्रमुख ने कोरोनाकाल में संघ की शाखाएं ऑनलाइन शुरू करने का विकल्प दिया है। इसके लिए गूगल मीट, जूम और वीडियो कांफ्रेंसिंग के दूसरे माध्यमों की मदद लेने की बात कही है। इन्हें ई-शाखा का नाम दिया गया है। स्वयंसेवकों को शाखा की तरफ से हेल्पलाइन भी शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए संघ से जुड़े आइटी (सूचना प्रोद्यौगिकी) के लोगों से सहयोग लेने को कहा गया है।
अब दो श्रेणी में होगा काम
संघ की अनौपचारिक बैठक में डॉ. भागवत ने कहा कि संघ का काम अब संगठन श्रेणी और जागरण श्रेणी में होगा। संगठन श्रेणी के कार्यकर्ताओं को शाखाओं पर ध्यान देना है। इसके तहत शारीरिक-बौद्घिक प्रशिक्षण और कार्यक्रमों की व्यवस्था के कार्य आते हैं। वहीं, जागरण श्रेणी में प्रचार (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं वेब माध्यम से), सेवा और नए लोगों से संपर्क के कार्य आते हैं। इसमें कार्यकर्ता पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन और प्रचार का काम करेंगे।
दो करोड़ नए लोगों को जोडऩे का लक्ष्य
बैठक में अगले तीन साल में संघ से दो करोड़ नए लोगों को जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, पत्रकार, उद्योगपति, विश्वविद्यालय-कॉलेज के शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी सहित शासकीय कर्मचारियों को जोडऩे की योजना है। इस कार्य के लिए संघ अलग से मोहल्ला स्तर तक की टीम बनाएगा।
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