भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस की सभी इकाइयों द्वारा 24 जुलाई से कांग्रेस के नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान के नेता एक-एक कार्यकर्ता के घर जाएंगे और उसकी नाराजगी दूर कर 26 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में काम करने के लिए राजी करेंगे।
15 साल बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी, जो 15 माह चल पाई और उसका पतन हो गया। 15 माह की सरकार के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायकों पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप भी लगाया था। इसके चलते प्रदेश सरकार के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने सरकार के मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ को घेरा था और कहा था कि हर मुख्यमंत्री की एक किचन कैबिनेट होती है, जिसमें मंत्रियों की सुनवाई होती है, मगर कमलनाथ की किचन कैबिनेट में मंत्री नहीं अधिकारी शामिल हैं, जो मलाईदार विभागों और शहरों में अपने आपको पदस्थ करने में लगे हैं। कार्यकर्ताओं को आशा थी कि उनकी सरकार बनने पर उनकी सुनवाई होगी, मगर कार्यकर्ताओं में मंत्री और विधायकों को लेकर भारी नाराजगी देखने को मिली। स्थिति यह है कि सरकार गिरने के बाद पार्टी के अधिकांश बड़े नेता और कार्यकर्ता घर बैठ गए हैं और उन्हें पार्टी के किसी भी कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। कई कांग्रेसियों ने कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन भी आना-जाना छोड़ दिया है। इसी को देखते हुए नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए कमलनाथ ने कांग्रेस की सभी इकाइयों के पदाधिकारियों को ऐसे कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने और उन्हें फिर से अपनी पार्टी में जान फूंकने का अभियान चलाने को कहा है। 24 जुलाई से यह अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा।
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