भोपाल। निर्धारित प्रावधानों के अनुसार शहरों के मास्टर प्लान को रिव्यू करें। जरूरत हो तो इसके लिये एक्सपर्ट एजेंसी की सेवाएं ली जा सकती हैं। कई शहरों का विस्तार इतना हो गया है कि मास्टर प्लान में निर्धारित कृषि भूमि शहर के अंदर आ गयी है। उन्होंने कहा कि इस भूमि का डायवर्सन नहीं होने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। सिंह ने कहा कि मास्टर प्लान के रिव्यू होने से इनको लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि के उपयोग के संबंध में अलग से भी नीति बनायें, जिससे किसानों को फायदा मिल सके।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नगर एवं ग्राम निवेश संचालनालय के कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों की आय बढ़ाने की योजना बनायें। उन्होंने कहा कि निकायों को आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। सिंह ने लैण्ड पूलिंग के प्रावधानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से करें।
बैठक में आयुक्त नगर एवं ग्राम निवेश अजीत कुमार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में वेब बेस्ड एप्लीकेशन अल्पास के माध्यम से भूमि उपयोग की जानकारी एवं विकास अनुज्ञा ऑनलाइन दी जा रही है। प्रदेश के 16 अन्य शहरों में भी भूमि उपयोग का प्रमाण-पत्र ऑनलाइन दिया जा रहा है। जीआईएस आधारित विकास योजना बनायी जा रही है।
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