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    अब SC से वकीलों को सहायता की आस

  • July 23, 2020

    वकीलों को बिना ब्याज लोन देने की मांग पर शीर्ष अदालत ने लिया संज्ञान
    इंदौर। वकीलों को बिना ब्याज लोन दिलाने की याचिका पर देश की शीर्ष अदालत ने संज्ञान लेकर केंद्र सरकार, बीसीआई आदि से जवाब मांगा है। इसके बाद कोरोना की मार झेल रहे देश के करीब 11 लाख की संख्या वाले वकील समुदाय को सहायता की आस बंधी है।
    जब से लॉकडाउन लगा है वकीलों की हालात खस्ता हो गई है। देश के अधिकांश राज्यों में खुली अदालत में सुनवाई बंद है। कुछ जगह हो रही है वह भी वर्चुअल कोर्ट के जरिए, जो कि पर्याप्त नहीं है। ऐसे में देश में वकीलों की सर्वोच्च संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कल भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को महामारी के चलते मुकदमेबाजी के घटते कार्य के कारण हुए नुकसान पर वकीलों को वित्तीय सहायता देने के लिए दिशा-निर्देश मांगे हैं। बेंच ने दो सप्ताह के भीतर केंद्र, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, राज्य बार काउंसिल, प्रत्येक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और मान्यता प्राप्त हाईकोर्ट बार एसोसिएशनों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। बार एसोसिएशनों को यह बताने के लिए निर्देशित किया है कि योग्य वकीलों को राहत के लिए फंड क्यों नहीं स्थापित किया जा सकता? बीसीआई की ओर से दायर याचिका में कहा था कि बीसीआई के पास जरूरतमंद वकीलों की मदद के लिए धन नहीं है। इसलिए प्रत्येक राज्य के संबंधित बार काउंसिल में पंजीकृत वकीलों को 3 लाख रुपए का ब्याजमुक्त लोन दिया जाए, जिसे वे सामान्य रूप से अदालत का कामकाज शुरू होने पर एक साल बाद मासिक किस्तों में चुका देंगे। याचिका में कहा गया है कि अधिकांश वकीलों के पास कोई बचत नहीं है और वे केवल अपनी आजीविका के लिए अदालतों के कामकाज पर निर्भर हैं। इनमें कुछ तो भुखमरी का सामना कर रहे हैं। अदालतों को बंद करने से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि उन्हें अपनी आजीविका को खोना पड़ा है। सीजेआई बोबड़े ने संज्ञान लेते हुए कहा कि यह एक ‘विकट परिस्थितिÓ है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद वकीलों को आस बंधी है कि उन्हें इस संक्रमण काल में कुछ राहत मिलेगी।
    हाईकोर्ट अगले सप्ताह खुलेगी या नहीं जल्दी होगा तय
    इधर, इंदौर में हाईकोर्ट अगले सप्ताह खुलेगी या नहीं यह अब जल्दी ही तय तय होगा। यहां हाईकोर्ट जज के एक रीडर के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही सुनवाई भी 24 जुलाई तक स्थगित कर दी थी। नतीजतन अभी हाईकोर्ट में कामकाज ठप है, जबकि जिला कोर्ट व मातहत अदालतों में वकीलों के विरोध के बाद वीसी के जरिए जरूरी मामलों में सुनवाई चल रही है।

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