यूक्रेन में बंधक संकट का फिल्मी अंत
कीव। यूक्रेन के लुट्स्क शहर में बस में सवार 10 लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना का बेहद फिल्मी अंत हुआ। कई घंटे तक चले इस बंधक संकट का अंत उस समय हुआ जब बंदूकधारी ने राष्ट्रपति वोलोदयमयर जेलेंस्की से बात की। इसके बाद राष्ट्रपति ने एक वीडियो मेसेज पोस्ट किया। दरअसल, इस बंदूकधारी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से बस में बैठे बंधकों को रिहा करने के बदले एक वीडियो मेसेज जारी करने की शर्त रखी थी।
राष्ट्रपति को अपने संदेश में सिर्फ कहना था, ‘सभी लोगों को वर्ष 2005 में आई फिल्म अर्थलिंग्स को देखना चाहिए।’ इसके बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वीडियो मेसेज जारी करके लोगों से यह अपील की। राष्ट्रपति के अपील के बाद बंधक बनाने वाला मान गया और उसने वादे के मुताबिक सभी लोगों को रिहा कर दिया। पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया है।
सभी बंधक सुरक्षित हैं और हमलावर ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। आरोपी की पहचान मकयस्म क्रयवोश (44) के रूप में हुई है। अरेस्ट करने के बाद क्रयवोश को जेल भेज दिया गया है। इससे पहले भी वह 10 साल तक जेल की सजा काट चुका है। माना जा रहा है कि इस बार भी उसे लंबी सजा हो सकती है। बंधक संकट के खात्मे के बाद देश के गृहमंत्री अर्सेन अवाकोव ने ट्वीट कर कहा कि लुट्स्क, अब सब ठीक है।
अवाकोव लुट्स्क में ही थे और बंधक बनाने वाले से बातचीत कर रहे थे। उधर, राष्ट्रपति ने पूरी घटना के बारे में बताया कि वह अपने स्विस समकक्ष के साथ चल रही मीटिंग के दौरान लगातार ब्रेक ले रहे थे और लुट्स्क में ताजा हालात का जायजा ले रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमलावर की तरफ से बहुत अस्पष्ट मांग थी, इसलिए यह समझना बेहद मुश्किल था कि वहां क्या चल रहा है। इसे समझने में समय लग गया।’
राष्ट्रपति ने कहा कि बंदूकधारी ने कई विशेषज्ञों से बात की। इस दौरान वह बंदूकधारी से बातचीत को सहमत हो गए और 7 से 10 मिनट की बातचीत के बाद वह घायल यात्रियों और गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों को छोड़ने पर सहमत हो गया। इसके लिए उसने एक शर्त रखी थी कि मुझे एक वीडियो पोस्ट करना होगा। इसके बाद राष्ट्रपति ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो पोस्ट किया और फिल्म अर्थलिंग्स को देखने की अपील की। इस अपील के आधे घंटे के बाद बंदूकधारी ने सभी बंधकों को रिहा कर दिया। हॉलीवुड स्टार जोआकिन फोनिक्स की इस फिल्म में पशुओं के अधिकारों के बारे में दिखाया गया है। इस फिल्म को कई छोटे-छोटे पुरस्कार मिल चुके हैं।
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