मंत्री ने पूछा- वॉयस रिकॉर्ड का सोर्स क्या है?
नई दिल्ली। राजस्थान की सियासी जंग के बीच फोन टैपिंग के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने वॉयस सैंपल टेस्ट के लिए नोटिस दिया है। इससे पहले कांग्रेस से निलंबित विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह, बीजेपी नेता संजय जैन और गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस टेस्टिंग के लिए एसीबी कोर्ट पहुंच गई थी।
नोटिस मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मेरे निजी सचिव को जांच एजेंसी की तरफ से वॉयस सैंपल टेस्ट और बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। उनका कहना है कि जांच एजेंसी पहले जांच करे और बताए कि ऑडियो क्लिप का सोर्स क्या है और इसकी क्या प्रमाणिकता है। इस क्लिप को सरकार ने रिकॉर्ड कराया है या नहीं। गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस ने सचिन पायलट गुट और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर अशोक गहलोत सरकार को गिराने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने दो ऑडियो टेप का भी जिक्र किया था, जिसमें कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के बागी विधायक भंवर लाल शर्मा के बीच पैसों के लेनदेन पर बात हो रही थी।
ऑडियो टेप के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि ऑडियो फेक है। मैं मारवाड़ की भाषा बोलता हूं जबकि ऑडियो टेप में झुंझुनू टच है, जिस गजेंद्र का जिक्र किया गया है, उसका कोई पद का जिक्र नहीं है। कोई जगह तक का जिक्र नहीं है। ऑडियो जोड़-तोड़ कर भी तैयार किया जा सकता है। मैं जांच के लिए तैयार हूं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि जिन लोगों के नाम एफआईआर में हैं, वे पुलिस की जांच में सहयोग क्यों नहीं दे रहे हैं। एसओजी की टीम को वॉयस सैंपल क्यों नहीं लेने दिया जा रहा है। जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम एफआईआर में है, जब उनकी आवाज ऑडियो टेप में है तो वे मंत्री पद पर क्यों बने हुए हैं।
अजय माकन ने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत द्वारा यह कहा गया कि कथित ऑडियो टेप में आवाज उनकी नहीं तो फिर वह सामने आकर अपना वॉयस सैंपल देने से इनकार क्यों कर रहे हैं? गजेंद्र शेखावत को कोई मोरल अथॉरिटी नहीं है जो अपने पद पर बने रहें। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। जांच में सहयोग देना चाहिए और वॉयस सैंपल देना चाहिए।
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