भोपाल। प्रदेश में जुलाई का बिल चार पैसे प्रति यूनिट बढ़ा हुआ आएगा। जुलाई माह की शुरुआत में मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने फ्यूल कॉस्ट बढ़ा दी थी। यह कॉस्ट चार पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई गई। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। इस लिहाज से जुलाई माह का बिजली बिल चार पैसे प्रति यूनिट बढ़ा हुआ आएगा। जानकारी के अनुसार पूर्व में फ्यूल कॉस्ट नौ पैसे प्रति यूनिट थी।
इसमें जुलाई के शुरू में चार पैसे की वृद्धि की गई, जिसके बाद यह बढकऱ 13 पैसे प्रति यूनिट तक हो गई है। जुलाई माह की रीडिंग बिजली वितरण कंपनी ने शुरू कर दी है। इसलिए इसे इस माह से ही बढ़ाया जाएगा। बिजली बनाने में उपयोग किए जाने वाले कोयला, डीजल सहित अन्य वस्तुएं जो फ्यूल की श्रेणी में आती हैं, उनकी कीमत बढऩे या कम होने पर फ्यूल कॉस्ट बढ़ाई या घटाई जाती है। इस बार फ्यूल की कीमत में इजाफा हुआ है। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों को लेकर कवायद शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि इसकी पूरी प्रक्रिया एक पखवाड़े में पूरी कर ली जाएगी। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बिजली की नई दरें अगले माह के शुरुआत में ही घोषित हो सकती हैं। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक पहले ही साफ कर चुका है कि इस बार जनसुनवाई नहीं होगी। लिहाजा इस बार किसी भी बिजली वितरण कंपनी के क्षेत्र में जनसुनवाई नहीं की गई है।
टैरिफ में दिखेगा कोरोना का असर
जानकारी के मुताबिक इस बार बिजली के नए टैरिफ में कोरोना का असर साफ दिखाई देगा। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग पहले ही आर्थिक परेशानी से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ नहीं डालेगा। ऐसे में इस बार बिजली की दामों में 3 से 4 तक बढ़ोत्तरी हो सकती है। मध्य प्रदेश की तीनों ही बिजली वितरण कंपनियों ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सामने 4 माह पहले ही बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव पेश कर दिया था। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने तीनों बिजली वितरण क्षेत्र की कंपनियों को बिजली की दरें नहीं बढ़ाने पर कम से कम 2000 करोड़ के नुकसान होने की आशंका जताई थी। साथ ही इस नुकसान की भरपाई के लिए बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी किए जाने की दलील दी है।
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