– एमटीएच कम्पाउंड में गाड़ी अड्डा के 13 लोग भर्ती, पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत
इंदौर। शहर की सबसे पुरानी वाल्मीकि बस्ती गाड़ी अड्डा में पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलने के बाद हडक़म्प मचा हुआ है। यहां नगर निगम में कार्यरत 13 लोगों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। इसी बीच अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते कल रात नगर निगमकर्मी की अस्पताल में मौत हो गई।
बाद में परिजन और बस्ती के लोगों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया और अस्पताल में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के पहुंचने पर अंदर नहीं जा सके। नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में कार्यरत विशनसिंह पंवार निवासी गाड़ी अड्डा को दो दिन पूर्व एमटीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कल रात उनकी मौत हो गई। मृत निगमकर्मी के बेटे सतीश पंवार ने बताया कि उनके पिता को यहां केवल मास्क लगाकर वेंटिलेटर पर रखा गया था। उन्हें नाममात्र की गोली दी जा रही थी। किसी तरह का एक्स-रे या जांच नहीं की गई और न ही सैम्पल लिया गया। यही नहीं, वहां भर्ती अन्य मरीजों का भी यही हाल है। बताया जा रहा है कि यहां भर्ती ऐसे भी निगमकर्मी हैं, जो लगातार कोरोना संक्रमण के दौरान सेवाएं दे रहे थे और अब बीमार होने पर यहां भर्ती हो गए। ज्यादातर लोगों का कहना है कि उन्हें यहां से अरबिंदो अस्पताल में शिफ्ट किया जाए, ताकि सही तरीके से इलाज किया जा सके। बताया जा रहा है कि रात 12 बजे तक अस्पताल के बाहर हंगामा चलता रहा। गाड़ी अड्डा के टोनी भगत रानवे, धीरज चौबे, सोनू नाहर, कुलदीप नाहर अड़े हुए थे और उन्होंने दोषी डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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