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    तब्लीगी जमात कार्यक्रम में शामिल थाईलैंड के 34 नागरिक बरी

  • July 18, 2020

    नई दिल्ली । दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आज तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थाईलैंड के 34 नागरिकों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने इन 34 विदेशी नागरिकों को छह-छह हजार रुपये के जुर्माने पर बरी कर दिया। कोर्ट ने थाईलैंड के 34 नागरिकों को जुर्माने की रकम पीएम केयर्स फंड में जमा करने का आदेश दिया है।

    पिछले 16 जुलाई को कोर्ट ने 92 इंडोनेशियाई नागरिकों को जमानत दिया था। 16 जुलाई को ही साकेत कोर्ट ने 275 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को बरी करने का आदेश दिया था । कोर्ट ने इन 275 विदेशी नागरिकों को सजा के तौर पर आज दिन भर कोर्ट रूम में खड़ा रहने का आदेश दिया था । इसके अलावा साकेत कोर्ट ने इन विदेशी नागरिकों पर 5 से 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। पिछले 15 जुलाई को कोर्ट ने श्रीलंका के 17 नागरिकों को बरी कर दिया था।15 जुलाई को ही कोर्ट ने दो सौ इंडोनिशाई नागरिकों को जमानत दी थी।

    पिछले 14 जुलाई को भी साकेत कोर्ट ने इंडोनेशिया के डेढ़ सौ नागरिकों को जमानत दिया था। पिछले 11 जुलाई को कोर्ट ने थाईलैंड और नेपाल के 75 नागरिकों को जमानत दिया था। पिछले 10 जुलाई को कोर्ट ने 62 मलेशियाई नागरिकों और सऊदी अरब के 11 नागरिकों को बरी कर दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने इन 73 विदेशी नागरिकों को सात से दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए बरी करने का आदेश दिया था। इन विदेशी नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर किया था जिसके बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया। सुनवाई के दौरान इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ शिकायत करनेवाले लाजपत नगर के एसडीएम और लाजपत नगर के एसीपी और निजामुद्दीन के इंस्पेक्टर ने कहा कि उन्हें इन विदेशी नागरिकों को बरी करने पर कोई आपत्ति नहीं है।

    साकेत कोर्ट ने 10 जुलाई को बांग्लादेश के 82 नागरिकों को जमानत दिया था। पिछले 9 जुलाई को कोर्ट ने 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दिया था। साकेत कोर्ट ने जिन 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत देने का आदेश दिया था उनमें माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, दिजिबाउटी, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार शामिल हैं। 9 जुलाई को ही साकेत कोर्ट ने ही 60 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार रुपये के जुर्माने पर बरी कर दिया था । इन मलेशियाई नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर किया था जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया।

    पिछले 8 जुलाई को कोर्ट ने 21 देशों के 22 नागरिकों को जमानत दिया था। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने 22 विदेशी नागरिकों को दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने 8 जुलाई को जिन देशों के 22 नागरिकों को जमानत दिया था उनमें अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, मिस्त्र, रुस, अल्जीरिया, बेल्जियम, सउदी अरब, जॉर्डन, फ्रांस, कजाकिस्तान, मोरक्को, ट्यूनिशिया, ब्रिटेन, फिजी, सूडान, फिलीपींस और इथियोपिया के नागरिक शामिल हैं। पिछले 7 जुलाई को साकेत कोर्ट ने 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत दिया था । साकेत कोर्ट ने 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर 59 चार्जशीट पर संज्ञान लिया और सभी विदेशी नागरिकों को नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया। ये विदेशी नागरिक पिछले मार्च महीने में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

    चार्जशीट में इन विदेशी नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि इन विदेशी नागरिकों ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।

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