भोपाल। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले शिवराज सरकार आदिवासियों को वनाधिकार पट्टा वितरण का कार्य पूरा करने जा रही है। इस बीच पात्र हितग्राहियों को पट्टा मिला है या नहीं उसकी पड़ताल करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद आदिवासियों के बीच जाएंगे। साथ ही उन्होंने वन मंत्री विजय शाह एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह से भी आदिवासियों के बीच जाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने विभागीय अफसरों से समीक्षा बैठक में कहा कि पट्टा वितरण में लापरवाही और विलंब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पूर्व में बड़ी संख्या में आदिवासियों के वनाधिकार पट्टों के दावों को अमान्य किया गया है, जो ठीक नहीं है। अधिकारी पूरी संवेदना एवं तत्परता के साथ एक-एक दावे का परीक्षण करें तथा प्रत्येक पात्र आदिवासी को वनाधिकार पट्टा दिलवाना सुनिश्चित करें। चौहान ने कहा कि वे स्वयं आदिवासियों के बीच जाकर इस बात का परीक्षण करेंगे कि किसी पात्र आदिवासी का वनाधिकार पट्टे का दावा निरस्त तो नहीं किया गया। यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अमान्य दावों का फिर होगा परीक्षण
ग्राम वन अधिकार समितियों द्वारा अभी तक लंबित एक लाख 67 हजार 108 दावों में से 92 हजार 470 दावों का निराकरण किया गया है। इन दावों में से 36 हजार 241 (39.19 प्रतिशत) दावों को मान्य किया गया है तथा 56 हजार 229 (60.8 प्रतिशत) दावों को अमान्य किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देश दिए गए कि एक-एक दावे का पुन: परीक्षण किया जाए। कोई भी पात्र आदिवासी वनाधिकार पट्टे से वंचित नहीं रहना चाहिए।
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