व्यापारियों ने कहा-ठेले वालों और लोडिंग रिक्शा के कारण दिखती है भीड़
इन्दौर। सिंधी कालोनी में पिछले डेढ़ माह से कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला और न ही दुकानों पर भीड़ लगती है। भीड़ का असल कारण सड़कों पर लगने वाले ठेले और यहां से निकलने वाले लोडिंग रिक्शा हैं, फिर भी यहां की दुकानें बंद करवा दी गईं।
यह कहना है सिंधी कालोनी के व्यापारियों का। उन्होंने सांसद शंकर लालवानी के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि सड़कों के ठेले और लोडिंग रिक्शा के कारण यहां भीड़ नजर आ रही है। सिंधी कालोनी के संत कंवरराम व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोपाल कोडवानी ने कहा कि ढाई महीने बाद तो व्यापार शुरू करने की अनुमति मिली थी, लेकिन फिर से यहां भीड़ होने का कारण बताकर लॉकडाउन कर दिया गया। इस लॉकडाउन को अब 18 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। कोरोना संक्रमण के हिसाब से देखा जाए तो यहां पिछले डेढ़ महीने में अभी कोई नया पॉजिटिव केस नहीं मिला है। पत्र में लालवानी को लिखा है कि प्रशासन सिंधी कालोनी वालों के साथ अन्याय कर रहा है और आप चुप बैठे हैं? व्यापारियों का कहना हैकि यहां छोटे व्यापारी ज्यादा हैं। दुकानें बंद होने से इनकी आर्थिक हालत भी खराब हो चली है। कोडवानी ने कहा कि यहां होने वाली भीड़ को रोकने के लिए नगर निगम को ध्यान देना चाहिए। यहां दुकानों के सामने इतनी बड़ी संख्या में ठेले लग जाते हैं कि उनसे ही भीड़ होती है और ऐसा लगता हैकि यहां की दुकानों पर भीड़ हो रही है। यही नहीं, पुलिस चैकिंग से बचने के लिए लोहा मंडी से निकलने वाले लोडिंग रिक्शा सिंधी कालोनी से ही निकलते हैं और इस चक्कर में यहां जाम लग जाता है। जिला प्रशासन के अधिकारी यहां भीड़ का असल कारण जानें और उससे निजात दिलाएं। अगर यहां ठेलों और लोडिंग रिक्शा को बंद कर दिया जाता है तो बाजार में भीड़ अपने आप ही बंद हो जाएगी।
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