नई दिल्ली । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को दुनिया की सबसे सस्ती आरटी-पीसीआर आधारित कोरोना वायरस टेस्टिंग किट ‘कोरोश्योर’ को लॉन्च किया। किट को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने तैयार किया है। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने मंजूरी दी है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस किट को लांच करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने किट विकसित करने के लिए आईआईटी दिल्ली के सभी शोधकर्ताओं को बधाई दी। निशंक ने कहा कोरोना संकट के दौरान देश भर के अनुसंधान करने वाले संस्थानों ने बेहद अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भारत में जिस प्रकार से अनुसंधान हो रहे हैं उससे सम्पूर्ण विश्व को यह संदेश जा रहा है कि कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत कही से भी पीछे नहीं है।
आईआईटी दिल्ली ने कोविड-19 के टेस्ट के लिए किफायती कोरोश्योर टेस्ट किट का उत्पादन दिल्ली आधारित कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस के साथ मिलकर तैयार किया है। यह किट अधिकृत कोरोना टेस्टिंग लैब में उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। यह किट विकसित करने के साथ ही आईआईटी दिल्ली, कोविड-19 परीक्षण पद्धति विकसित करने वाला पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है।
इस आयोजन के दौरान कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) जतिन गोयल ने कहा कि किट की कुल लागत लगभग 650 रुपये है। यह निश्चित रूप से अन्य देशों से आयात किए जा रहे अन्य जांच परीक्षणों की तुलना में बहुत सस्ती है। उन्होंने कहा कि किट का आधार मूल्य 399 रुपये है और इसमें आरएनए आइसोलेशन और लेबोरेटरी चार्ज जोड़ने के बाद भी इसके द्वारा किया जाने वाला टेस्ट काफी कम लागत अर्थात लगभग 650 रुपये में होगा। कोरोश्योर को आईआईटी दिल्ली से प्रोब फ्री आरटी-पीसीआर आधारित कोविड-19 किफायती टेस्ट किट के लिए नॉन एक्सक्लुसिव लाइसेंस मिला है। बड़े पैमाने पर किट के निर्माण और असेंबलिंग कार्य सैटेलाइट सिटी, फरीदाबाद में कोविड-19 टेस्टिंग किट के लिए स्थापित विशेष यूनिट में किया जाएगा।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि इस किट से कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा और हमें पूरा विश्वास है कि इसी प्रकार के शोध भारत को आने वाले समय में विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने इस अवसर पर कहा कि हम भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर से इस किट को बनाने और मैन्युफैक्चर करने में मिले सहयोग के लिए बेहद आभारी हैं। इससे प्रेरणा लेकर हम आगे भी कोरोना से संबंधित शोध जारी रखेंगे और देश के साथ साथ विश्व को भी इस महामारी से लड़ने में मदद करेंगे। देश में कोविड-19 परीक्षण के प्रतिमान को बदलना चाहिए। आईआईटी दिल्ली की तकनीक का उपयोग करने वाली कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस बेहद सस्ती कीमत पर प्रति माह 20 लाख परीक्षण कर सकती है। यह बाजार के लिए प्रयोगशाला का एक सच्चा उदाहरण है।
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