नई दिल्ली। भारत सरकार की ओर से जून के आखिरी सप्ताह में 59 चाइनीज ऐप्स पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। इसके बाद इन ऐप्स को भारतीय यूजर्स के लिए ऐपल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इसके अलावा इन ऐप्स का एक्सेस भी पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया है। हालांकि, चीन भारत के ऐसा करने से नाखुश है और नई दिल्ली में हुई बाइलेटरल मीटिंग में भी ऐप बैन का मुद्दा उसकी ओर से उठाया गया।
चीन ने नई दिल्ली में हुए मीटिंग में चाइनीज ऐप्स पर लगाए गए बैन से जुड़े सवाल भारत से किए। सरकारी सूत्रों ने बताया कि डिप्लोमैटिक लेवल पर चीन के साथ की गई एक मीटिंग के दौरान चाइना ने भारत में 59 ऐप्स बैन किए जाने का मुद्दा उठाया और ऐसा करने की वजह को लेकर सवाल खड़े किए। भारत की ओर से इसके जवाब में साफ कर दिया गया कि यह कदम सुरक्षा संबंधी कारणों से उठाया गया है।
सामने आई जानकारी के मुताबिक, भारत ने एक बार फिर दोहराया कि देश के नागरिकों से जुड़ा डेटा देश के लिए महत्वपूर्ण है और उसकी सिक्यॉरिटी को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता। चाइनीज ऐप्स बैन करने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संभावित खतरों को आधार बनाते हुए लिया गया है। भारत ने कहा कि 29 जून को बैन किए गए ज्यादातर ऐप्स को इंटिलेजेंस एजेंसियां पहले भी रेड फ्लैग दिखा चुकी थीं।
बैन किए गए ऐप्स पर कई बार यूजर्स का डेटा कलेक्ट करने और उसे देश से बाहर भेजने के आरोप लग चुके थे। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश की एकता और अखंडता के अलावा यूजर्स के डेटा की प्रिवेसी बनाए रखना भी जरूरी है। यही वजह है कि इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट के सेक्शन 69A के तहत ऐप्स पर बैन लगाया गया। इस सेक्शन में पब्लिक इन्फॉर्मेशन का ऐक्सेस सुरक्षा के लिहाल से ब्लॉक करने की शक्ति सरकार को मिलती है।
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