मानेसर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नाराज उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की सियासी राजनीति अब पल पल करवट बदलने लगी है। पहले दावा किया जा रहा था कि सीएम हाउस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 102 विधायकों के पहुंचने का दावा किया गया था, लेकिन बाद में पता चला है कि बैठक में कांग्रेस के सिर्फ 84 विधायक ही पहुंचे हैं, जिससे सीएम गहलोत सहित राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेसियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है । राजस्थान के जयपुर में जहां सीएम गहलोत समर्थक विधायकों को कुकस रिसॉर्ट फेयर माउंट होटल में फिलहाल सियासी संकट टलने तक ठहराया गया है। वहीं दूसरी तरफ अब राजस्थान की सियासत का मुख्य केंद्र बिंदु हरियाणा का मानेसर बन गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के मानेसर के एक होटल में ठहरे राजस्थान के नाराज डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लगभग एक दर्जन समर्थक कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया गया है। सूत्रों ने बताया है कि हरियाणा में भाजपा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने जिस होटल में पायलट समर्थक कांग्रेसी विधायक पिछले 48 घंटों से ठहरे हुए हैं, उस होटल की सुरक्षा व्यवस्था में और पुलिसकर्मियों की तादाद बढ़ाते हुए होटल पर पहरा और ज्यादा बढ़ा दिया गया है। पुलिसकर्मियों एवं होटल प्रबंधन को साफ तौर पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। होटल के सभी 24 कमरों को पहले ही बुक कर दिया गया था, इसके साथ ही अब होटल में नई बुकिंग करने की भी इजाजत नहीं दी गई है। अब इस होटल में कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता। होटल के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी सतर्कता बढ़ा दी है । होटल के बाहर भाजपा के कई कार्यकर्ता पल पल पर नजर बनाए हुए हैं। होटल के अंदर और बाहर किसी के भी आने जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है । इस बीच सूत्रों से खबर है कि इस होटल के अंदर एक बीएमडब्ल्यू कार गई है, जिसमें कुछ लोग सवार थे, लेकिन चेहरा ढका होने के कारण यह पता नहीं चल पाया इस कार में कौन कद्दावर नेता सवार था। सूत्रों के अनुसार दूसरी तरफ खबर यह भी चल रही है कि राहुल गांधी और सचिन पायलट के बीच सुलह सफाई का सिलसिला शुरू हो गया है । इसी के चलते जयपुर के पीसीसी दफ्तर में डिप्टी सीएम सचिन पायलट के उतारे गए पोस्टरों को एक बार फिर से लगा दिया गया है ।
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