हलकी बारिश से तरबतर हो रहा इंदौर, लेकिन तेज बारिश की उम्मीद में शहरवासी और किसान
इंदौर। सावन को शुरू हुए डेढ़ सप्ताह हो गया है, इसमें रिमझिम फुहारों से ज्यादा इंदौर में बारिश हुई नहीं है। जानकारों का कहना है कि इस बार प्री मानसून की एक्टिविटी ज्यादा रही। एक महीना पहले बने निसर्ग तूफान का असर क्लाइमेट को कमजोर अभी तक कर रहा है, जिससे कि वैक्यूम का दबाव कमजोर होने से इंदौर में बारिश ठीक से नहीं हो पा रही।
इस बार जून की शुरुआत में ही प्री मानसून ने तरबतर कर दिया था। मालवा और निमाड़ में प्री मानसून की बारिश में ही किसानों ने बोवनी भी कर दी थी, जिसके पीछे बताया गया कि निसर्ग तूफान के कारण ही प्री मानसून की ज्यादा एक्टिविटी हुई। शुरुआती समय में बने क्लाइमेट ने सावन के महीने को सूखा-सूखा रख दिया है। धार, झाबुआ, बड़वानी, खरगोन तक तो पानी गिरता है, लेकिन इंदौर आते-आते मानसून कमजोर हो रहा है। यानी जो मौसम का दबाव बनता है वह या तो दूसरी दिशा में चला जाता है या फिर इतना कमजोर हो जाता है कि बारिश नहीं करा पा रहा। सैटेलाइट से जो इमेज मिलती है उसमें हर सप्ताह इंदौर में बारिश की संभावना है तो रहती है, लेकिन कम दबाव का क्षेत्र इंदौर आते-आते बहुत ही कमजोर हो जाता है और वह हलकी फुहारों या मध्यम बूंदाबांदी में यहां से गुजर जाता है। यही कारण है कि इंदौर में अब तक करीब साढ़े आठ इंच पानी गिरा है। फिलहाल अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री बताया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय इंदौर के मौसम ग्रामीण विकास केंद्र की मानें तो हलकी बारिश के आसार बने हुए हैं, पर फिर से तेज बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
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