भोपाल। जहांगीराबाद पुलिस ने जालसाज विजय विशकर्मा उर्फ बाबा के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। आरोपी को कमला नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके पास से जहांगीराबाद और चूनाभट्टी थाने के प्रभारियों की सील बरामद हुई थीं। इतना ही नहीं बदमाश के पास से फर्जी आधार कार्ड भी मिला है। पुलिस का कहना है कि आरोपी को रिमांड पर लेकर अन्य वारदातों के संबंध में भी पूछताछ की जाएगी।
ऐसे धराया आरोपी
जानकारी के अनुसार अंजना सिंह (40) निवासी जहांगीराबाद स्वयं को गृहणी बताती है। आरोपिया ने खुद की तीन अलग-अलग नाम से आईडी बनवा रखी हैं। तीनों में अलग-अलग नाम पते हैं तथा पति का नाम समान है। इन फर्जी आईडी के आधार अंजना ने तीन बैंको से पचास-पचास हजार रूपए का समूह लोन लिया। जिसे माफ कराने के लिए महिला ने पति का फर्जी मृत्यु सार्टेफिकेट बनवा लिया। इसी सार्टीफिकेट के आधार पर महिला ने तीनों लोन माफ कराए। इस बात की शिकायत पुलिस को मिली थी। सूचना के बाद में पुलिस ने आरोपी महिला की तलाश शुरु की थी। मुखबिर की सूचना के आधार पर महिला की गिरफ्तारी की गई। पूछताछ में उसने विजय बाबा नाम के व्यक्ति का नाम बताया। आरोपिया ने पुलिस का बताया कि विजय की मदद से ही वह जालसाजी किया करती थी। फर्जी दस्तावेज तैयार कराने से लेकर लोन दिलाने तक का काम विजय किया करता था। कमला नगर पुलिस ने अंजना की निशानदेही पर विजय को हनुमानगंज इलाका स्थित उसके निवास से दबोच लिया था। विजय स्वयं को आरटीआई एक्टिवस्ट बताता है। पूर्व में कमला नगर पुलिस ने फर्जी तरीके से मकान बेचने का प्रयास कर रहे दो युवकों को गिरफ्तार किया था। उक्त मकान काफी महंगा था, जिसके असल मालिक विदेश में हैं और वह महिला हैं। अंजना ने माकान की मालकिन के नाम फर्जी दस्वेज तैयार कराए, स्वयं को मकान मालकिन बताया और उसी के आधार पर रजिस्ट्री की कॉपी तहसील से निकवा ली। इसके बाद में साथियों की मदद से मकान के ग्राहकों को तलाशा और सौदा शुरू कर दिया। संदेह के आधार पर एक माकान के खरीददार ने पुलिस को सूचना दी थी। तब पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि अंजना फरार थी, उस समय वह ऐशबाग में रहती थी। रजिस्ट्री में लगे अंजना के फोटो के आधार पर पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी।
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