भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पाइपलाइन से घर-घर पानी पहुंचाने की डीपीआर तैयार कर ली गई है। इस पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत जल शक्ति मिशन के तहत 2021 में होगी।
जलापूर्ति नदी, तालाब और ट्यूबवेल से की जाएगी। सतही स्रोत से जलापूर्ति का काम जल निगम और ट्यूबवेल से सप्लाई का काम लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग करेगा। जल निगम बुंदलेखंड सहित ऐसे क्षेत्रों में काम करेगा जहां पानी में फ्लोराइड, आयरन, नमक जैसे हानिकारक तत्व अधिक हैं। जबकि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग गांवों, कस्बों को पानी देने का काम बोर से करेगा।
प्रोजेक्ट के लिए ४ स्तर पर कमेटी
पाइपलाइन से गांवों तक पानी पहुंचाने के प्रोजेक्ट और प्रस्ताव ग्राम पंचायतों में तैयार होंगे। इसे ब्लॉक और जिला स्तर की कमेटी में रखा जाएगा। ब्लॉक की कमेटी में सभी पंचायतों के प्रोजेक्टों का सत्यापन और पाइपलाइन को इंटर कनेक्ट करने की व्यवस्था की जाएगी।
पांच साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य सरकार अपने बजट में भी प्रावधान करने जा रही है। जबकि, जल निगम बड़े-बड़े प्रोजेक्ट तैयार कर विश्व बैंकों, सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण लेने के लिए प्रस्ताव बना रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ईएनसी केके सोनगरिया के अनुसार जल शक्ति मिशन के तहत प्रत्येक घरों तक नल से पानी पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जल शक्ति प्रदेश के गांव-गांव और घर-घर तक पानी पहुंचाने काम करेगा। प्रत्येक गांव में वर्ष 2024 तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। जल शक्ति मंत्रालय गांव-गांव तक पानी पहुंचाने के संबंध में गाइड लाइन तय कर दिया है, जो इसी माह जारी होगी। वहीं मंत्रालय ने राज्य सरकार कहा है कि सामुदायिक नल जल योजना और सामुदायिक हैंड पंप के बजाय पाइप लाइन से घरों तक पानी पहुंचाने पर प्लान तैयार करें। इसके लिए कुछ राशि भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जारी की है।
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