भोपाल। प्रदेश के पंचायत सचिवों को सरकार ने कोरोना योद्धा घोषित किया गया है। वेतन बजट आवंटन के अभाव में पंचायत सचिवों को 5 माह का वेतन नहीं मिला है। मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने चेतावनी दी है कि हफ्तेभर में मांग नहीं मानी तो आंदोलन करेंगे।
उन्होंने बताया गया कि यूं तो प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवों को सरकार ने करोना योद्धा घोषित किया है। योद्धा घोषित होते ही पंचायत सचिव कोरोना महामारी से लडऩे के लिए 52 हजार गांव में अपनी जान पर खेलकर जनता की रक्षा, सुरक्षा कर रहे हैं । पर नाम तो कोरोना योद्धा है और उन्हीं के घरों में खाने के लाले हैं, क्योंकि वेतन बजट आवंटन के अभाव में प्रदेश के पंचायत सचिवों को चार-पांच माह का वेतन नहीं मिला है और जवाबदेह लोग सिर्फ यह सोचकर आग लगे बस्ती में मस्तराम मस्ती में समझ कर सो रहे हैं। लेकिन अब पंचायत सचिव संगठन सोएगा नहीं कुंभकरण की नींद बल्कि शासन और प्रशासन को जगायेगा।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के पंचायत सचिव आर्थिक तंगी के कारण और कोरोना महामारी में दोहरी ड्यूटी के कारण आत्महत्या पर मजबूर हो रहे हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि कोई भी सरकारी आय सबसे ज्यादा काम करने वाले पंचायत सचिवों को ही खून के आंसू रुलाती है। शर्मा ने आगे कहा कि आज मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग करूंगा कि सात दिवस में पंचायत सचिवों का आवंटन जारी नहीं हुआ और नियमित वेतन भुगतान की गूगल पे अकाउंट की व्यवस्था लागू नहीं की गई तो वे स्वयं मंत्रालय के सामने अकेले धरने पर बैठेंगे और 23 हजार सचिव पंचायत पर ताला लगाकर अपने संगठन के आह्वान पर वेतन नहीं तो काम नहीं आंदोलन के तहत अपने घर बैठेगें।
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