बीजिंग। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर आलोचनाओं से घिरे चीन ने बढ़ते दबाव के बीच आखिरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम को कोरोना वायरस से संबंधित जांच की अनुमति दे दी है। WHO ने पहले ही एक टीम के चीन जाकर 6 महीने तक वायरस की उत्पत्ति से संबंधित जांच करने का ऐलान कर दिया था हालांकि बीजिंग की तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक सहमति नहीं आई थी। चीन पहले भी अमेरिका समेत कई देशों को वुहान जाकर वायरस के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने की इजाजत देने से इनकार कर चुका है।
हालांकि अमेरिका, भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरफ से भारी दबाव के बाद चीन ने इस जांच के लिए इजाजत दे दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि विचार करने के बाद इस पर सहमति दी गई है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन जल्द ही जांच करने के लिए एक्सपर्ट की टीम भेजेगा। चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर से ही सबसे पहले कोरोनावायरस का मामला सामने आया था। WHO की टीम वुहान जाएगी और वायरस से जुड़ी जानकारियों की जांच करेगी।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि कोरोना वायरस वुहान की एक लैब में पैदा हुआ और चीन ने इस संक्रमण से जुड़ी अहम जानकारियां छुपा लीं। ट्रंप ने WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए उसकी फंडिंग रोक दी और अब सदस्यता भी छोड़ दी है।
#China has agreed that @WHO experts come to #Beijing to carry out scientific research and cooperation with Chinese scientists and medical experts on the origin of the novel #coronavirus: Chinese FM pic.twitter.com/L11lOOKXra
— Global Times (@globaltimesnews) July 8, 2020
अमेरिका के WHO की सदस्यता छोड़ देने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, यह एक और उदाहरण है जब अमेरिका ने एकतरफा तरीके से कदम उठाया है. पहले भी कई संधि और संगठनों से अमेरिका अलग हो चुका है। झाओ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ वैश्विक जन स्वास्थ्य सुरक्षा पर दुनिया का सबसे बड़ा लोक प्राधिकार है। कोविड-19 महामारी जब गंभीर चरण में पहुंच गयी तो वैश्विक स्तर पर कदम उठाने में समन्वित भूमिका के लिए इसने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। वायरस के खिलाफ लड़ाई में डब्ल्यूएचओ का समर्थन करने का मतलब अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करना है और इससे कई लोगों की जान बचायी जा सकती है।
झाओ ने आगे कहा कि अमेरिका के कदम से महामारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को झटका लगेगा और ऐसे विकासशील देशों पर असर पड़ेगा जिन्हें तुरंत अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका से अपनी प्रतिबद्धताओं और अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभाने का अनुरोध करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करना चाहेंगे कि बहुपक्षवाद पर सर्वसम्मत राय रखें और जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ की मदद करें। डब्ल्यूएचओ की टीम के चीन के दौरे को लेकर सवाल पूछे जाने पर झाओ ने कहा कि वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए टीम को अन्य देशों का भी दौरा करना चाहिए।
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