प्योंगयांग। पूरी दुनिया अभी तक कोरोना वायरस से उबर नहीं सकी है, उधर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने परमाणु ठिकानों में गतिविधियां तेज कर दी हैं। ताजा सैटलाइट तस्वीरों से संकेत मिले हैं कि राजधानी प्योंगयांग के पास एक खुफिया न्यूक्लियर फसिलटी में परमाणु समझौतों पर बातचीत के दौरान काम बंद या धीमा नहीं बल्कि अब तेज कर दिया गया है। इस फसिलटी की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि यहां परमाणु हथियारों पर काम किया जा रहा है।
एक जानकारी के मुताबिक यह फसिलटी प्योंगयाग के पास वोलो-री गांव में स्थित है। इसकी सैटलाइट तस्वीरें Planet Labs ने ली हैं और मिडिलबरी इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज के एक्सपर्ट्स ने इन्हें स्टडी किया है। उनके मुताबिक किसी उत्तर कोरियाई परमाणु ठिकाने के सभी मानक इस जगह पर देखे जा सकते हैं। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एक्सपर्ट प्रफेसर जेफरी लूइस ने अपनी रिपोर्ट छापने से पहले बताया है, ‘इसमें उत्तर कोरिया परमाणु ठिकाने की तरह सुरक्षा परिधि है, उसके अंदर ही घर बने हैं, बिना लोगों को जानकारी हुए नेताओं के दौरों की व्यवस्था है और एक अंडरग्राउंड फसिलटी भी है।’ इसके पास में ही एक पीने के पानी की फैक्ट्री है जिसमें ये सब कुछ नहीं है।
जेफरी का कहना है, ‘बड़ी बात है गाड़ियों का मूवमेंट- कारें, ट्रक, शिपिंग कंटेनर। यह फैक्ट्री काफी ऐक्टिव है। इसकी गतिविधियां धीमी नहीं हुई हैं, न बातचीत के दौरान और न अब। यह अभी भी परमाणु हथियार बना रही है।’ इस फसिलटी को 2015 में जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रॉलिफरेशन स्टडीज के रिसर्चर्स ने खोजा था लेकिन जेफरी और उनके साथियों ने इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया। अभी तक यह साफ नहीं था कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम में यह क्या भूमिका निभा रही है।
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के लिए काम करने वाले एक्सपर्ट अंकित पांडा की आने वाली किताब में इस जगह के नाम और भूमिका के जिक्र के बाद से लोगों की इसमें दिलचस्पी बढ़ गई है। अपनी किताब ‘किम जोंग उन ऐंड द बॉम्ब’ में पांडा ने लिखा है कि इस फसिलटी का मुख्य उद्देश्य युद्ध के लिए हथियार बनाना है। इसके साथ ही यह इन हथियारों के स्टोरेज के रूप में भी काम आएगी। जेफरी का कहना है कि इस साइट पर लंबे वक्त से नजर रखी जा रही थी और उन्हें पता था कि यहां परमाणु कार्यक्रम से जुड़े काम चल रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा करते रहे हैं कि उत्तर कोरिया से अब परमाणु खतरा नहीं है लेकिन दोनों देशों के बीच इसे लेकर पिछले साल से बातचीत ठप है। किम जोंग ने कभी माना भी नहीं है कि उन्होंने ट्रंप प्रशासन के साथ परमाणु हथियार हटाने को लेकर सहमति कायम की है। वहीं, इस साल की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उत्तर कोरिया ने UN सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम जारी रखा था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved