उज्जैन। जिले में कोरोना केस के आंकड़े भले ही इकाई में रह गए हो लेकिन आए दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इससे सतर्कता की जरूरत है। कल पॉजीटिव आए दोनों मरीज फ्रीगंज के नए इलाकों के हैं।
पिछले एक पखवाड़े से लगातार जिले में कोरोना के केस कम होने लगे हैं तथा स्थिति नियंत्रण में आ गई ऐसा प्रतीत हो रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना का खतरा टल गया है। पड़ौसी शहर इंदौर के हातोद गाँव में कल एक साथ एक ही इलाके के 27 मरीज पॉजीटिव सामने आए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भले ही जिले में कोरोना मरीजों की संख्या घट रही हो लेकिन लापरवाही की इसमें कोई गुंजाइश नहीं हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महावीर खंडेलवाल के मुताबिक कल देर रात कुल 867 संदिग्ध मरीजों के भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट आई। इनमें दो मरीज पॉजीटिव पाए गए। जाल कम्पाउंड मक्सी रोड की 36 वर्षीय महिला तथा आजाद नगर का 33 वर्षीय पुरुष संक्रमित निकला है। कल तक जिले में अब तक पॉजीटिव आए मरीजों की संख्या 871 हो चुकी थी, वहीं इनमें से अब तक 780 मरीज ठीक होकर घर भेजे जा चुके हैं। अभी भी 20 एक्टिव केस हैं इनमें 8 मरीजों में लक्षण हैं, जबकि 12 में पॉजीटिव होने के बावजूद लक्षण नहीं हैं। अभी तक 25 हजार 552 संदिग्ध मरीजों की जाँच हो चुकी है। इधर बीते कुछ दिनों में कोरोना के नए मरीजों का ग्राफ जरूर गिरा है लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं हैं। लोगों को अभी भी मास्क लगाने और सोश्यल डिस्टेंसिंग रखने जैसी सावधानियाँ बरतना होगी अन्यथा स्थिति फिर बिगड़ सकती है। चिकित्सकों का यह भी कहना है कि वर्षाकाल जैसे ही सर्दी, जुकाम और वायरल फीवर जैसी मौसमी बीमारियों का खास समय रहता है। क्योंकि इस समय मौसम में गर्मी, उमस तथा नमी बरकरार होने के साथ-साथ बारिश के कारण जलजमाव के बाद उसमें उत्पन्न मच्छर और उनके लार्वा के कारण भी चिकन गुनिया और डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। इनके लक्षण कोरोना बीमारी जैसे ही होते हैं इसलिए खास ध्यान रखने की जरूरत है।
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