बुरहानपुर । 400 साल पुराने छतविहीन चमत्कारी हनुमानजी की मूर्ति (The idol of 400 years old miraculous roofless Hanumanji) खुद-ब-खुद ऊंची होती जाती है (Keeps on growing Taller on its Own) ।
“छत डालते ही टूट जाती है… मूर्ति खुद-ब-खुद ऊंची होती जाती है… और भक्त दूर-दूर से आते हैं इस चमत्कार को नमन करने। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर बसे सिरसाडा गांव की, जहां हनुमानजी का ऐसा मंदिर है, जो विज्ञान को चुनौती देता है और आस्था को नया विश्वास देता है।” “बुरहानपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर, सतपुड़ा की गोद में बसा सिरसाडा गांव… और वहां विराजे हैं ‘छतविहीन चमत्कारी हनुमानजी’। 400 साल पहले प्रकट हुई इस मूर्ति को लेकर मान्यता है कि जब-जब इस मंदिर पर छत डालने की कोशिश हुई, तब-तब प्रकृति ने खुद उसे गिरा दिया।”
“मंदिर की मूर्ति सूर्यमुखी है — यानी पूर्व दिशा की ओर मुख। भक्त यहां सिंदूर, तेल, आंकड़े के पत्ते और नारियल के साथ दर्शन करने आते हैं। लेकिन सबसे बड़ा चमत्कार है — हनुमानजी की मूर्ति का धीरे-धीरे ऊंचा होते जाना। ग्रामीणों का कहना है कि बीते वर्षों में मूर्ति की ऊंचाई में प्राकृतिक रूप से वृद्धि देखी गई है।” “छत नहीं है, लेकिन आस्था की कोई कमी नहीं… मूर्ति ऊंची हो रही है, लेकिन भक्तों का सिर हर बार झुक जाता है। सिरसाडा का यह मंदिर सिर्फ एक तीर्थ नहीं, एक संदेश है — कि जहां भक्ति होती है, वहां तर्कों की सीमाएं खत्म हो जाती हैं।”
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