पटना: आजकल हर किसी की नजर बिहार की सियासत पर ही है. सभी पार्टियां और गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी जीत के लिए नए नए पैतरे आजमां रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस भी अपनी पूरी ताकत लगा रही है. सबसे पुरानी पार्टी में बिहार में जब से प्रभारी और अध्यक्ष का बदलाव हुआ है तब से कई फैसले लिए गए हैं. अब एक और फरमान अपने कार्यकर्ताओं और दावेदारों को सुना दिया है. वह है सोशल मीडिया पर नेताओं की दमदार उपस्थिति. यानी बिहार में कांग्रेस पार्टी के टिकट के दावेदारों को सोशल मीडिया पर अपनी दमदार उपस्थिति को दिखाना होगा.
राज्य में कुछ दिन पहले ही जिला कमेटियों का गठन किया गया है. राज्य के सभी जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है. इनमें कुछ शर्तें लगा दी गई हैं. यही शर्तें अब कांग्रेस पार्टी के दावेदारों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गई हैं. पार्टी के नये आदेश के अनुसार सोशल मीडिया पर जिसके ज्यादा फॉलोवर्स होंगे, वह टिकट के लिए उतना ही मजबूत दावेदार भी होगा. इसके लिए मापदंड भी तय किए गए हैं. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम यानी इन तीन प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावेदारों की संख्या भी तय कर दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट की माने तो पार्टी सूत्रों का कहना है कि फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम, इन तीनों के लिए तय किए गए अर्हता के अनुसार टिकट के दावेदारों के लिए न्यूनतम संख्या भी निर्धारित कर दी गई है. इनमें फेसबुक पर कम से कम एक लाख तीस हजार, एक्स पर 50 हजार और इंस्टाग्राम पर कम से कम तीस हजार फॉलोअर्स होने चाहिए. यानी इतने फॉलोवर्स होने के बाद ही किसी भी उम्मीदवारी के दावेदारी पर विचार होगा.
इतना ही नहीं, यह भी स्पष्ट किया गया है कि कम से कम इतने फॉलोअर्स होने पर ही जिला कमेटियों के लिए भी दावेदारी पर विचार होगा. अब कांग्रेस पार्टी की तरफ से जैसी शर्त लगाई गई है, उसके अनुसार देखा जाए तो प्रदेश में चंद ही ऐसे नेता हैं जो इस नए नियम पर खरे उतर रहे हैं. लेकिन दिलचस्प यह कि इनमें शायद ही कोई विधानसभा का चुनाव भी लडे.
फॉलोअर्स के मामले में देखा जाए तो फिलहाल बिहार में अपनी पदयात्रा निकाले कन्हैया कुमार ही सबसे आगे दिख रहे हैं. एक्स पर कन्हैया के करीब 44 लाख और फेसबुक पर करीब 14 लाख फॉलोवर्स हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह दूसरे नंबर पर हैं. अखिलेश के एक्स पर करीब 27 हजार फॉलोवर्स हैं, जबकि फेसबुक पर करीब तीन लाख 70 हजार फॉलोवर्स हैं. इन दोनों की ही पहचान राष्ट्रीय स्तर की नेता की है. इनमें शायद ही कोई बिहार विधानसभा का चुनाव भी लड़े.
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