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इन्दौर में नाबालिग बालक-बालिका का रचा रहे थे विवाह

  • April 12, 2025

    • सेवाप्रदाताओं की बुकिंग विभाग ने कैंसल कराई, अब 6 माह बाद ही हो सकेगा विवाह

    इंदौर। आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे परिवार ने 17 साल की बालिका और 20 साल के बालक का विवाह कराने की तैयारी कर ली थी। पूरी प्लानिंग के साथ आधारकार्ड में पते से दूर निवास तय किया गया और विवाह रचाने की तैयारी भी कर ली गई, लेकिन विभाग के आगे परिवार की चाल काम नहीं आई और घर-घर फोटो दिखाकर तलाश करते हुए अमला आखिरकार विवाह स्थल पहुंच गया और दोनों नाबालिगों का विवाह रुकवाया।

    अक्षय तृतीया पर होने वाले बालविवाह की जानकारी सूत्रों ने पहले ही महिला एवं बाल विकास विभाग के कंट्रोल रूम पर दी थी, जिसके आधार पर जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने उडऩदस्ते को जिम्मेदारी सौंपते हुए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। आधारकार्ड में दर्ज पते पर बहुत देर तक पूछताछ करने के बाद भी जब जानकारी नहीं मिली और फोन पर परिवार द्वारा गलत जानकारी दी गई, तो विभागीय अमले ने आधारकार्ड में दिए फोटो के माध्यम से घर-घर दस्तक दी और आखिरकार उक्त परिवार के सही पते की तलाश कर बाल विवाह रुकवा दिया। महिला एवं बाल विकास विभाग के उडऩदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक ने बताया कि शंकरकुमार का बगीचा में उक्त परिवार स्थानांतरित हो गया था।


    फोन पर अमले को भटकाते रहे
    आधारकार्ड में दर्ज फोन नम्बर पर टीम द्वारा माता-पिता को समझाईश दी गई, लेकिन टीम विवाह निरस्त करने पर अड़ा रहा और फोन पर पते की जानकारी गलत देकर अमले को भटकाता रहा। टीम जैसे ही मौके पर पहुंची और लडक़े के माता पिता को बालविवाह प्रतिशेध अधिनियम की जानकारी देकर समझाइश दी गई तो छह माह बाद तक के लिए विवाह को टालने के लिए परिवार तैयार हो गया। बालक द्वारा उडऩदस्ते को दी गई जानकारी के अनुसार धर्मशाला, घोड़ी, बैंड और डीजे वाले को दी गई, अग्रिम राशि की गुहार लगाई गई, जिस पर संज्ञान लेते हुए टीम ने सभी सेवाप्रदाताओं को फोन लगाकर बुकिंग कैंसल कराई और परिवार को पैसे भी वापस दिलाए गए।

    हम क्यों देखे उम्र
    सेवाप्रदाताओं को बालविवाह प्रतिशेध अधिनियम के नियमों के अनुसार सेवा देने के पूर्व वर-वधु की उम्र के सत्यापन के नियम बताए गए तो उन्होंने कहा कि वे इस तरह के किसी भी कानून को नहीं मानते और आगे भी उम्र का सत्यापन नहीं कराएंगे। उनके अनुसार यदि हम उम्र देखने लगेंगे तो धंधा चौपट हो जाएगा। अब विभाग इस सेवाप्रदाताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

    जारी हुए नोटिस
    बाल विवाह के मामले मे सेवा देने वाले धर्मशाला संचालक घोड़ी, बैंड, डीजे वाले को महिला बालविकास विभाग ने नोटिस जारी किया है। 29 अप्रैल को होने वाले इस विवाह को समझाइश देकर निरस्त करवाया गया है। इस समारोह मे रघुवंशी धर्मशाला मरीमाता चौराहा, पालीवाल धर्मशाला शीलनाथ कैम्प, छोटे चाचा घोड़ा गाड़ी वाले, दौलतगंज रानीपुरा और सांई डीजे साउंड गणराजनगर खजराना को संबंधित थाना क्षेत्र के माध्यम से नोटिस दिया गया और समझाईश दी गई है कि यदि अब नहीं माने तो उनके विरुद्ध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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