इंदौर। प्राधिकरण को शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बनाने की अनुमति दी है, ताकि विकास कार्यों में बाधक निर्माणों को हटाने के दौरान उनका उचित व्यवस्थापन किया जा सके। अभी एमआर-12 और ट्रांसपोर्ट हब में कई बस्तियों-कॉलोनियों को हटाया जाना है, जिन्हें अब पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। प्राधिकरण बोर्ड की कल आयोजित बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया है और टीपीएस-8 में स्थित साढ़े 4 एकड़ जमीन पर ये आवास गृह बनाए जाएंगे। तब तक विस्थापितों को किराए के मकानों या अस्थायी शेड बनाकर भी शिफ्ट किया जा सकता है। विभागीय मंत्री की विधानसभा में साढ़े 15 करोड़ की राशि से ऑ$डिटोरियम, स्विमिंग पुल भी गैर योजना मद से बनाने का निर्णय लिया गया।
अभी नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए गए हैं। इसी तरह प्राधिकरण भी ऐसे पक्के मकान बनाएगा, ताकि अपनी योजनाओं में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके और व्यवस्थापन के तहत रह रहे लोगों को पक्के मकानों में शिफ्ट किया जा सके। कल प्राधिकरण बोर्ड की बैठक संभागायुक्त एवं अध्यक्ष दीपक सिंह की मौजूदगी में हुई, जिसमें कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी और प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार मौजूद रहे। सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक टीपीएस-8 और 3 के विस्थापित रहवासियों के लिए आवास उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण निर्णय कल लिया गया और इसके लिए टीपीएस-8 में मौजूद जमीन पर ये मकान बनाए जाएंगे।
टीपीएस-8 में एमआर-12 का निर्माण किया जाना है, जहां पर ईंट भट्टों की बाधाएं हटाने के अलावा रवीदास सहित अन्य बाधा कायम है। इसी तरह ट्रांसपोर्ट हब, जो कि टीपीएस-3 में आता है, उसमें भी कुछ बस्तियों को शिफ्ट किया जाना है। इस बारे में कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि चूंकि प्राधिकरण द्वारा बनवाए जा रहे पक्के आवासों में समय लगेगा, तब तक इन विस्थापितों को किराए के मकानों में व अस्थायी शेड में निर्माण करवाकर भी शिफ्ट किया जा सकता है, ताकि ओवरब्रिज सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य मौके पर करवाए जा सकें। वहीं प्राधिकरण बोर्ड ने एक निर्णय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा-1 में उपलब्ध करवाई गई सरकारी जमीन पर ऑडिटोरियम, स्विमिंग पुल सहित अन्य निर्माण कार्य करवाने की मंजूरी भी दी और गैर योजना मद से साढ़े 15 करोड़ रुपए के ये कार्य करवाए जाएंगे। इसी तरह शहीद पार्क को फिर से नगर निगम से लेने और प्राधिकरण स्तर पर ही इसके संचालन-संधारण की भी मंजूरी ली गई। वहीं प्राधिकरण के दस्तावेजों को डिजीटल कराने के कार्य के भी टेंडर मंजूर किए गए। इस पर प्राधिकरण 1.59 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। वहीं प्राधिकरण द्वारा जो एमआर-10 पर आईएसबीटी का निर्माण किया है, वहां पर बसों को पार्किंग की सुविधा देने के लिए 5 एकड़ से अधिक जमीन पर पार्किंग विकसित की जाएगी, जिसमें शेड, टॉयलेट सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved