नई दिल्ली । अमेरिका(America) के राष्ट्रपति (President)डोनाल्ड ट्रंप (donald trump)ने सत्ता की शपथ लेते ही ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिनसे वैश्विक और अमेरिका के शेयर मार्केट(Share Market) का माहौल काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। ट्रंप के टैरिफ की घोषणा के बाद मार्केट में काफी गिरावट देखी गई थी लेकिन जैसे ही ट्रंप ने ट्रैरिफ पर रोक की घोषणा की उससे मार्केट ने ऐतिहासिक बढ़त हासिल की। इससे कई निवेशकों के पैसे डूबे हैं तो कई लोगों ने बिलियन्स डॉलर कमाए भी हैं। अब अमेरिका में कुछ सीनेटरों ने मिलकर मार्केट के इसी उतार-चढ़ाव को लेकर सवाल उठाया है कि क्या ट्रंप ने जानबूझकर ऐसा किया, जिससे उनके करीबी लोगों को फायदा हो सके।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सीनेटरों ने मिलकर देश के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन से राष्ट्रपति के करीबी और व्हाइट हाउस के अंदरूनी लोगों के शेयर्स की जांच करने का आग्रह किया है। सीनेटरों ने साझा तौर पर एसईसी को लिखे पत्र में कहा, “हम एसईसी से यह जांच करने का आग्रह करते हैं कि क्या टैरिफ घोषणाओं ने अमेरिकी जनता की कीमत पर प्रशासन के अंदरूनी लोगों और राष्ट्रपति के दोस्तों को अमीर बनाया है।”
सीनटरों के इस पत्र में शेयरों की जांच के अलावा यह भी पता लगाने को कहा गया है कि क्या टैरिफ पर रोक की घोषणा से पहले राष्ट्रपति के परिवार या उनके किसी दोस्त को इसके बारे में जानकारी थी या नहीं… क्योंकि अगर ऐसा है तो उन्हें निश्चित तौर पर ही मार्केट में आने वाले उतार चढ़ाव का अंदाजा हो गया होगा।
मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेट सीनेटर के नेतृत्व में इन सीनेटर्स ने एजेंसी से इस मामले की गहनता के साथ जांच करने की मांग की। उनका कहना था कि अगर ट्रंप को फंड देने वाले या फिर उनके करीबी लोग इस मामले में शामिल थे या उन्हें इस बात की जानकारी थी तो यह देश के सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन था। उन्होंने लिखा कि हमारा शक उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गया, जिस समय मार्केट में भारी-भरकम गिरावट आ रही थी उसी समय ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह खरीदने का बढ़िया समय है।
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