इंदौर। कई वार्डों और मुख्य मार्गों पर बनाई गई नई सडक़ों में एयर के लिए छोड़ी गई गैप अब वाहन चालकों के लिए न केवल मुसीबत बन रही है, बल्कि रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। रेसकोर्स रोड, डीआरपी लाइन, मरीमाता से इमली बाजार और कई अन्य बड़ी सडक़ों पर ऐसी ही गैप के कारण अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। अब नगर निगम इन सभी स्थानों पर गैप के बीचोबीच बालू रेत और पतले डामर की परत बनाएगा।
पिछले दो माह के अंतराल में नगर निगम ने वार्डों से लेकर मुख्य मार्गों तक करीब 60 से ज्यादा सडक़ों का निर्माण कार्य कराया है। इन सभी सीमेंटेड सडक़ों में सडक़ के बीचोबीच एयर के लिए 10-10 फीट के ब्लाक में गैप छोड़ी जाती है, ताकि सडक़ें खराब न हों। नई सडक़ों पर यह प्रयोग लगातार किए जाते हैं। कुछ दिनों बाद वाहनों के दबाव के कारण सडक़ों पर एयर के लिए छोड़ी गई गैप बड़ा आकार ले लेती है और उसके कारण सबसे ज्यादा दुर्घटनाग्रस्त दोपहिया वाहन चालक होते हैं।
वाहनों के अगले पहिए इस गैप में फंस जाते हैं और बैलेंस बिगडऩे के कारण वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होते हैं। वर्तमान में मरीमाता, सदर बाजार होते हुए इमली बाजार तक बनाई गई सीमेंट की सडक़ के बीचोबीच गैप के कारण रोज कई दुर्घटनाएं होती हैं। वहीं दूसरी ओर डीआरपी लाइन चौराहा से शांतिपथ की ओर जाने वाले मार्ग के साथ-साथ एमजी रोड से गोराकुंड के कई हिस्सों में यही स्थिति है। जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक अब ऐसी सडक़ों के मामले में नगर निगम जनकार्य विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी नई सडक़ों की गैप भरने के लिए बालू रेत और पतले डामर की परत बनाएं, ताकि दुर्घटनाएं न हों। दो से चार दिनों में यह अभियान शुरू किया जाएगा।
दुर्घटना के बाद रेसकोर्स रोड पर कमिश्नर ने हाथोहाथ कराया था सुधार कार्य
ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों रेसकोर्स रोड से गुजर रहे नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के सामने हुआ था। उस दौरान वहां सडक़ के बीच गैप में दोपहिया वाहन चालक उलझकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। निगमायुक्त ने तत्काल अपनी गाड़ी रुकवाई और स्थिति को समझा, वाहन चालक से भी बात की। इसके बाद उन्होंने निगम जनकार्य विभाग के अधिकारियों और टीम को बुलाकर हाथोहाथ सडक़ों के बीचोबीच सुधार कार्य कराया था, ताकि बाद में वहां दुर्घटनाएं न हों।
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