50 दिन में भी नहीं कर पाए सुनवाई … अचानक शिकायतों का आंकड़ा बढ़ा
इंदौर। सुशासन (Good governance) और कलेक्टर (Collector) द्वारा की गई कई पहल के बावजूद सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) पर अचानक ही इंदौर (Indore) जिले की शिकायतों (complaints) का आंकड़ा 17000 पार कर गया है। आमतौर पर हर महीने की जा रही शिकायतों का निराकरण भी किया जा रहा था, लेकिन अचानक से बढ़े आंकड़ों को देखकर कलेक्टर ने कल सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा बैठक बुलाई है । 50 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद 5000 से ज्यादा प्रकरण लंबित बताए जा रहे हैं, वहीं जिन विभागों की सुनवाई में लेटलतीफी हो रही है, कलेक्टर उनकी कल क्लास लेंगे।
यह है सी और डी कैटेगरी के विभाग
महीने की 20 तारीख को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की रैंकिंग जारी की जाती है, जिसमें इंदौर जिले के श्रम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सहकारिता विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, गृह विभाग, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण, वन विभाग के साथ सबसे महत्वपूर्ण राजस्व विभाग की रैंकिंग सबसे नीचे है। यह सभी डी कैटेगरी में हैं। वहीं सी कैटेगरी में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, जनजाति कार्य विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वित्त विभाग, नगर निगम, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के साथ पुलिस विभाग भी शामिल है। यहां सबसे ज्यादा शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन उनके निराकरण का प्रतिशत बहुत कम है।
ये आंकड़े सामने आ रहे हंै
शासन के निर्देश पर सुशासन व समाधान ऑनलाइन प्रणाली चलाई जा रही है, लेकिन समाधान ऑनलाइन में ही 2155 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग बताई जा रही हैं। खसरा ऑनलाइन अपडेट करने संबंधी राजस्व विभाग के सबसे ज्यादा मामले सिमरोल, मानपुर, खुड़ैल में पेंडिंग हैं, जबकि नामांतरण संबंधी राजस्व मामले एवं बंटवारा संबंधी मामलों में बिचौली हैप्सी, कैलोद करताल, मल्हारगंज, खुडै़ल में ही 10 से ज्यादा पेंडेंसी हैं। नल-जल योजना के अंतर्गत पानी नहीं मिलने के प्रकरण भी 110 से अधिक दर्ज किए गए हैं।
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