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PM मोदी रामनवमी पर करेंगे भारत के पहले वर्टिकल ब्रिज का उद्घाटन, जानें खास बातें

  • April 05, 2025

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 6 अप्रैल को रामनवमी (Ram Navami) के दिन तमिलनाडु के दौरे पर रहेंगे। रामनवमी के मौके पर वे भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल यानी पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे और पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को रवाना करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 12:45 बजे वे रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद रामेश्वरम में करीब 1:30 बजे पीएम मोदी तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें देश को समर्पित करेंगे। इस दौरान वे वहां उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

    रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि रामेश्वरम भारत का एक महत्वपूर्ण द्वीप है, जो सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। इस स्थान का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए पंबन रेल पुल की आधारशिला रखी थी, जिसे 5 वर्षों में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नए पंबन रेल पुल के उद्घाटन के साथ-साथ रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे।

    रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है। इसे 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इसकी लंबाई 2.08 किमी है, इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है।


    यह पुल स्टेनलेस स्टील रीइन्फोर्समेंट, हाई क्वालिटी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित किया गया है, जिससे पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता होगी। भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए इसे दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है। इस पुल पर एक विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जो इसे जंग लगने से बचाएगी, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में यह पुल लंबे समय तक सुचारू रूप से काम करेगा।

    भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज की खास बातें
    नया पंबन ब्रिज लगभग 2.05 किमी लंबा है और भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज है।
    इसे पुराने ब्रिज के समानांतर बनाया गया है, जो 1914 से चालू था। यह पुराने पुल की तुलना में कहीं अधिक आधुनिक और मजबूत है।
    इसमें एक 100 मीटर लंबा सेक्शन है, जो जहाजों के गुजरने के लिए वर्टिकली रूप से ऊपर उठता है।
    इस ब्रिज पर अब 140 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी, जिससे रामेश्वरम तक की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी।
    इसमें अत्याधुनिक सेंसर तकनीक, स्वचालित सिग्नलिंग और सस्पेंशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।
    यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल है, जो समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए ऊपर उठ सकता है।
    यह भविष्य में तेज रफ्तार ट्रेनों को भी सुचारू रूप से संचालित करने में सक्षम होगा।
    नया ब्रिज काफी भारी वजन संभालने में सक्षम है। इसे 25-25 टन एक्सल लोड के लिए डिजाइन किया गया है। इस पर यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों को चलाया जाएगा। इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

    केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुछ दिन पहले कहा था, ‘1914 में निर्मित पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा। दिसंबर 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया, जिसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जो कनेक्टिविटी के एक नए युग की शुरुआत करेगा!’ इस पुल के चालू होने से रामेश्वरम आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। साथ ही यह पुल दक्षिण भारत के रेलवे नेटवर्क को और अधिक मजबूत करेगा।

    रेलवे सुरक्षा आयुक्त (Commissioner of Railway Safety) से मंजूरी मिलने के बाद पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया जा रहा है। रेलवे के सीनियर अधिकारियों ने इसकी सुरक्षा की जांच की है। पंबन ब्रिज जिस इलाके में है वहां चक्रवाती तूफाने आते रहे हैं। इसे देखते हुए पुल को इतना मजबूत बनाया गया है कि यह चक्रवाती तूफानों का सामना कर सके। भूकंप आने पर भी यह पुल टिका रहेगा। पुल के डिजाइन के दौरान चक्रवाती तूफानों और भूकंप को लेकर संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया था।

    पीएम मोदी तमिलनाडु दौरे के दौरान राज्य में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न सड़क और रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुडुचेरी खंड को 4 लेन बनाने का काम, एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को4 लेन बनाने का शिलान्यास और एनएच-32 के 57 किलोमीटर लंबे पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 के 48 किलोमीटर लंबे चोलापुरम-तंजावुर खंड को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है।

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