नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की जांच के तहत आज देशभर में 60 ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापे छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में मारे गए जिसमें कई बड़े राजनेताओं, सीनियर नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के मुख्य संचालकों और अन्य निजी व्यक्तियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया.
महादेव बुक एक इलीगल ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है जिसे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर चलाते हैं. दोनों फिलहाल दुबई में रह रहे हैं. जांच के दौरान ये पता चला कि इस नेटवर्क को संचालित करने के लिए इसके प्रमोटरों ने कई सरकारी अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों को मोटी रकम ‘प्रोटेक्शन मनी’ के रूप में दी थी ताकि उनके काम में रुकावट न आए. इस मामले की पहले छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की ओर से जांच की जा रही थी, लेकिन इसके चलते जब कई बड़े सरकारी अधिकारियों के शामिल होने की आशंका जताई गई तो मामला CBI को सौंप दिया गया.
CBI की छापेमारी के दौरान कई डिजिटल और दस्तावेजी सबूत बरामद किए गए हैं जिनमें से कुछ अहम तथ्य इलीगल सट्टेबाजी रैकेट में शामिल प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता को उजागर करते हैं. छापेमारी का ये अभियान अब भी जारी है और आगामी दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है.
महादेव बुक पिछले कुछ सालों में भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स में से एक बन चुका है. ये अवैध रूप से करोड़ों रुपये का लेन-देन करता है और ऐप व वेबसाइट के जरिए क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगवाता है. इसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है और इसमें कई रसूखदार लोग भी शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी पिछले साल इस घोटाले की जांच की थी और कई करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थी साथ ही महादेव बुक से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.
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