नई दिल्ली: भाजपा सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक पर बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश के मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लाया गया वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के हित में है खासकर गरीबों, पसमांदा, महिलाओं, विधवाओं और बच्चों के लिए.
जगदंबिका पाल ने ये स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन विधेयक से कोई भी धार्मिक स्थल, मस्जिद या कब्रिस्तान प्रभावित नहीं होगा जैसा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आरोप लगा रहा है. बोर्ड का ये आरोप कि इस कानून के लागू होने से मस्जिदों और कब्रिस्तानों की संपत्तियां खत्म हो जाएंगी पूरी तरह से निराधार है. उन्होंने कहा कि बोर्ड जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है जबकि ये विधेयक पारदर्शी और मुसलमानों के लिए फायदेमंद है.
विपक्षी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पाल ने खासकर असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिया. उनका कहना था कि ओवैसी को ये अच्छी तरह से पता है कि इस संशोधन में धार्मिक स्थलों या संपत्तियों को छीनने का कोई प्रावधान नहीं है फिर भी वह गुमराह कर रहे हैं.
जगदंबिका पाल ने ये भी कहा कि जंतर-मंतर और पटना में हुए प्रदर्शनों से इस कानून की प्रक्रिया पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अगर विधेयक में किसी भी तरह की असंवैधानिकता पाई जाती है तो लोग अदालत का रुख कर सकते हैं. उन्होंने ये बताया कि ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जो अब कैबिनेट में मंजूरी के लिए है. इसके बाद विधेयक को संसद में प्रस्तुत किया जाएगा.
जगदंबिका पाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का नारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ इस प्रक्रिया में पूरी तरह से लागू होगा और ये विधेयक मुसलमानों के लिए फायदेमंद साबित होगा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में देशभर में आंदोलन का आह्वान किया है जिसके चलते संसद में हंगामे की संभावना है.
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