
- अंडरग्राउंड रुट को लेकर सिर्फ अग्रिबाण की खबरें ही निकली सटीक,
- अब रोबोट से लेकर एमजी रोड तक हवा में और उसके बाद हाईकोर्ट से जमीन में उतरेगी मेट्रो
इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) को लेकर भी सिर्फ अग्रिबाण की खबरें ही सटीक और सही साबित हुई और पहले से तय किए गए एलिवेटेड (Elevated) के साथ अंडरग्राउंड रुट (Underground Route) में भी रत्तीभर परिवर्तन (change) नहीं हो सका और आखिरकार देर से ही सही, मगर मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को 2190 करोड़ का 8.6 किलोमीटर का अंडरग्राउंड ट्रैक का टेंडर मंजूर करना पड़ा। अब रोबोट चौराहा से खजराना होते हुए पलासिया और वहां से पंजाब अरोड़वंशी धर्मशाला के सामने तक हवा में यानी एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा और उसके बाद मेट्रो के अंडरग्राउंट रुट की तैयारी चलेगी। हाईकोर्ट परिसर से मेट्रो भूमिगत हो जाएगी।
इसका पहला स्टेशन रानी सराय पुलिस मुख्यालय की जमीन पर निर्मित किया जाएगा, जो कि रेलवे स्टेशन से भी जुड़ा रहेगा। शहर के सभी प्रमुख समाचार-पत्रों ने कुछ समय पूर्व इस आशय की खबरें प्रकाशित की कि मेट्रो के अंडरग्राउंड रुट को शासन ने बदल दिया है और अब बंगाली चौराहा से एयरपोर्ट तक यह रुट अंडरग्राउंड रहेगा और एमजी रोड के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। मगर उस वक्त भी अग्रिबाण ने यह स्पष्ट लिखा था कि 1600 करोड़ रुपए की जो अतिरिक्त राशि रुट परिवर्तन के चलते खर्च होगी उसे कौन भुगतेगा..? वैसे भी मेट्रो का प्रोजेक्ट सालों तक घाटे में रहेगा और इसके लिए एडीबी से केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद लोन लिया गया है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश की मोहन सरकार की हालत पहले ही खस्ता है और कर्जा लेकर लाड़ली बहना सहित अन्य योजनाएं चलाना पड़ रही है, तो वह मेट्रो का अतिरिक्त खर्च कैसेभुगतेगी..? और आखिरकार हुआ भी यही। मेट्रो के अंडरग्राउंड रुट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया और पिछले दिनों कॉर्पोरेशन ने जो टेंडर बुलाए थे उसे खोला और हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन तथा टाटा प्रोजेक्ट के जॉइन्ट वेंचर द्वारा किए गए 2190.91 करोड़ के टेंडर को मंजूरी दी गई। अब 1 महीने का समय कम्पनी के पास रहेगा कि वह इस मंजूर टेंडर को स्वीकार करते हुए मौके पर काम शुरू करे। वर्तमान में गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, विजय नगर, रेडिसन चौराहा होते हुए रोबोट तक पहले चरण के तहत 17 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार हो रहा है। उसी के साढ़े 5 किलोमीटर के हिस्से में व्यवसायिक संचालन की भी तैयारी की जा रही है, जिसे रेलवे बोर्ड ने भी अभी 4 दिन पहले मंजूरी दे दी। वहीं दूसरी तरफ रोबोट से लेकर पलासिया, एमजी रोड तक के एलिवेटेड कॉरिडोर का भी ठेका दिया जा चुका है, जिसके चलते फिलहाल खजराना चौराहा तक काम भी शुरू हो गया है। मगर अब चूंकि अंडरग्राउंड रुट का टेंडर फाइनल हो गया है, लिहाजा रोबोट से खजराना होते हुए पलासिया और एमजी रोड तक के एलिवेटेड कॉरिडोर का काम भी वर्तमान ठेकेदार कम्पनी शुरू कर सकेगी। वहीं एमजी रोड से जमीन में मेट्रो उतरेगी और हाईकोर्ट परिसर से टनल का काम शुरू होगा और रीगल के पास स्थित रानी सराय की जमीन पर पहला अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा। इस 8.6 किलोमीटर में 7 अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे, जो कि राजवाड़ा, छोटा-बड़ा गणपति चौराहा, रामचंद्र नगर, बीएसएफ होते हुए एयरपोर्ट पर निर्मित किया जाएगा।